लोभ , मोह ,भय , भ्रष्टाचार , हिंदू के आचार – विचार ;
साथ में कायरता व कुटिलता , धर्म का कोई नहीं विचार ।
इसमें दोष नहीं हिंदू का , गंदी- शिक्षा नीति आधार ;
झूठा इतिहास बनाने वाले , गांधी- नेहरू थे मक्कार ।
झूठे – इतिहास व गंदी – शिक्षा से ही , हिंदू भ्रष्ट हुआ ;
वामी ,कामी, जिम्मी बनकर , पूरा चरित्र ही नष्ट हुआ ।
आज के हिंदू – नेताओं ने , यही तो शिक्षा पायी है ;
धर्म न जाना,इतिहास न जाना, इसी से कायरता आयी है ।
कहने भर को हिंदू हैं , धर्म का कोई ज्ञान नहीं ;
महामूर्ख हैं हिंदू – नेता , राष्ट्र के हित का ध्यान नहीं ।
इतने कायर हैं ये नेता , कायरता भी शरमा जाती ;
शाहीन बाग तक से डरते हैं , शर्म इन्हें फिर भी न आती ।
हिंदू को कमजोर बनाते , अब तक झूठा-इतिहास पढ़ाते ;
धर्म से इनको कुछ न मतलब , धर्म-युद्ध से पीठ दिखाते ।
गांधी ने कटवाया भारत , नेहरू ने हरवाया भारत ;
गांधी – नेहरू के आज के चेले , मटियामेट करेंगे भारत ।
आज के जितने हिंदू – नेता , गांधी- नेहरू के हैं चेले ;
वामी , कामी , जिम्मी नेता , सारे हैं इनके ही चेले ।
राष्ट्र – धर्म से इन्हें न मतलब , सुविधा-भोगी हैं ये सारे ;
चार बार ये कपड़े बदले , फैशन -परस्त हैं सारे के सारे ।
संघर्ष की क्षमता नहीं है इनमें , केवल पूंछ हिलाते हैं ;
सबके विश्वास की बातें करके , डीएनए यही मिलाते हैं ।
शिक्षा – नीति से इन्हें न मतलब , बच्चे विदेश में पढ़ते हैं ;
गजवा-ए-हिंद की कोई न चिंता , राष्ट्र से भागा करते हैं ।
जरा सा संकट देख – देख के , हाथ – पांव फूला करते हैं ;
रोड – जाम से इतना डरते , कानून भी वापस लेते हैं ।
नेतृत्व की क्षमता नहीं है इनमें , हिंदू बड़ा अभागा है ;
जब भी राष्ट्र में संकट आता , नेता रोता भागा है ।
जब तक हिंदू सोता रहेगा , हिंदू यूं ही मरता रहेगा ;
जिसको हिंदू ने नेता माना , धोखा वो ही देता रहेगा ।
सारे हिंदू अब जग जायें , अपने सच्चे इतिहास को जानें ;
सोशलमीडिया साथ तुम्हारे,गांधी-नेहरू की साजिश जानें।
राष्ट्र में संकट बहुत बड़ा है , आपत्- धर्म निभाना होगा ;
परम – साहसी योगी लाकर , हिंदू – राष्ट्र बनाना होगा ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”