अर्चना कुमारी। कांग्रेस कार्यकाल के बाद जब मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तब अचानक दंगों में गिरावट देखी गई लेकिन साल 2019 से 2020 तक सांप्रदायिक दंगे लगभग दोगुने बढ़ गए थे। आंकड़े बताते हैं कि साल 2014 के दौरान देश भर में सांप्रदायिक दंगों के कुल 1127 मामले सामने आए जबकि यही आंकड़ा अगले साल 2015 में घट गया और पूरे देश में सिर्फ 789 सांप्रदायिक दंगे हुए।
इसी तरह 2016 में कुल 869 मामले दर्ज किए गए। 2017 के दौरान सांप्रदायिक हिंसा के कुल 723 मामले दर्ज हुए। साल 2019 में बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी की और उस साल महज 438 सांप्रदायिक दंगे हुए लेकिन 2020 में यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई, क्योंकि देशभर में सांप्रदायिक हिंसा के 857 मामले दर्ज किए गए। भारत वैसे भी दंगों के लिए कुख्यात रहा है, खासकर कांग्रेस कार्यकाल के समय तो देश में कई भीषण दंगे हुए। देश के बंटवारे से लेकर मनमोहन सरकार तक कई लोगों ने अपनी जान दंगे में गवाई।
इनमें सबसे क्रूर विभाजन के दंगे ,सिख विरोधी तथा कश्मीर तथा मुंबई में हुए दंगे तो आज भी भारतीय जनमानस को रुलाती है । तुलनात्मक अध्ययन करें तो साम्प्रदायिक दंगों के मामले में मोदी सरकार से आगे मनमोहन सरकार का काल रहा।पिछले 14 साल में अब तक 30723 लोग साम्प्रदायिक दंगो में घायल हुए जबकि 1605 लोगों ने अपनी जान गंवाई ।
इनमें सबसे क्रूर साल 2008 थी। जिनमे सबसे ज्यादा 943 दंगे में 167 लोगों की मौत हुई थी। इतना ही नहीं भारत में 2004-17 के दौरान 10,399 सांप्रदायिक झड़पें हुईं, जिसमें 1605 लोगों की जान चली गई जबकि 30,723 लोग घायल हो गए। इससे अलग मोदी के कार्यकाल में 2014 से 2020 तक देशभर में हुए सांप्रदायिक दंगों में कुल 180 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और इनमें से सबसे अधिक जान दिल्ली के दंगे में गई थी।
दंगे के बारे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा था कि 2016 से 2020 के बीच देश में सांप्रदायिक दंगों के करीब 3,400 मामले दर्ज किए गए। उक्त अवधि के दौरान देश में 2.76 लाख दंगों के मामले दर्ज किए गए।राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राय ने कहा कि 2020 में 857 सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के मामले दर्ज किए गए, 2019 में 438, 2018 में 512, 2017 में 723 और 2016 में 869 मामले दर्ज किए गए।उन्होंने एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि 2020 में 51,606 दंगों के मामले दर्ज किए गए, 2019 में 45,985, 2018 में 57,828, 2017 में 58,880 और 2016 में 61,974 मामले दर्ज किए गए।