केंद्रीय एजेंसियों और सरकार को चेतावनी देते हुए आतंकी संगठन ने कहा है कि अगर कश्मीर की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ और गैर स्थानीय लोगों को यहां बसाया गया तो इसके परिणाम खतरनाक होंगे.
आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ने गैर स्थानीय लोगों के खिलाफ धमकी भरा बयान जारी किया है. संगठनों ने कुलगाम हत्याकांड की जिम्मेदारी भी ली है. वहीं आतंकवादियों द्वारा गैर-कश्मीरियों की हत्याओं की हालिया घटनाओं के बाद कश्मीर के श्रीनगर से प्रवासी श्रमिकों का एक समूह रवाना हो गया है.
राजस्थान के एक प्रवासी कहते हैं, यहां स्थिति खराब हो रही है. हम डरे हुए हैं, हमारे साथ बच्चे हैं और इसलिए अपने गृहनगर वापस जा रहे हैं. कुलगाम जिले के वानपोह में आतंकियों ने एक घर में घुसकर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों को निकाल दिया. इस हमले में जोगिंदर रेशी देव और राजा रेशी देव मारे गए. चुनचुन रेशी देव गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
परिणाम खतरनाक होंगे
‘कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स’ नाम के संगठन ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए गैर स्थानीय लोगों के भारतीय एजेंसियों के संपर्क में होने की बात कही. केंद्रीय एजेंसियों को चेतावनी भरे लहजे में आतंकी संगठन ने कहा है कि अगर कश्मीर की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ और गैर स्थानीय लोगों को यहां बसाया गया तो इसके परिणाम खतरनाक होंगे. वहीं जम्मू-कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट की तरफ से भी एक चेतावनी जारी की गई है.
गैर स्थानीय लोगों पर बढ़े हमले
ULF ने बयान में कहा कि उसके सदस्यों ने क्षेत्र में तीन गैर-स्थानीय लोगों पर हमला किया. यूएलएफ ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल में बिहार में 200 से ज्यादा मुस्लिमों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. यूएलएफ ने गैर स्थानीय लोगों को एजेंसियों के हाथों की कठपुतली बताते हुए धमकी दी है. इस आतंकी संगठन ने गैर स्थानीय लोगों को कश्मीर छोड़ने के लिए कहा है. ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी है. यूएलएफ ने सुरक्षाबलों के लिए खराब शब्दों का इस्तेमाल किया है. सीआरपीएफ पर यूएलएफ ने गंभीर आरोप लगाए हैं. संगठन की तरफ से धमकी देते हुए कहा गया है कि वो गैर स्थानीय लोगों को निशाना बनाने से चूकेंगे नहीं.
पिछले कुछ हफ्तों में घाटी में कई आतंकी हमले हुए हैं, जहां आम लोगों को आतंकवादियों ने निशाना बनाया है. बिहार के एक गोल-गप्पे विक्रेता अरबिंद कुमार साह की 16 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी. बिहार के एक अन्य गरीब विक्रेता वीरेंद्र पासवान की 5 अक्टूबर को हत्या कर दी गई.