कुछ अंधे कहते हैं कि मुस्लिम ओवैसी पर सवाल नहीं उठाते, कांग्रेसी-कम्युनिस्ट अपनी पार्टी पर सवाल नहीं उठाते। केवल हिंदू भाजपा पर सवाल उठाते है!
तो सुनो, ओवैसी एक मुस्लिम की मौत पर हैदराबाद से दिल्ली तक कोहराम मचा देता है।
कांग्रेसी-कम्युनिस्ट-केजरीवाल-ममता एक रोहित वेमुला, एक कन्हैया, एक उमर खालिद को बचाने के लिए रात दिन एक कर देते हैं।
भाजपा कारसेवकों की मौत के बाद बाबरी विध्वंश को काला दिन बता देती है, अखलाक और पहलू खान की मौत पर गोरक्षकों के साथ खड़ा होने की जगह सार्वजनिक रूप से उन्हें गुंडे बता देती है, सत्ता में आते ही बजरंग दल को अप्रासांगिक बना देती है, फर्जी दलित रोहित वेमुला की मौत पर रू–रू कर रोने लगती है और अपने कार्यकार्ताओं की मौत पर फाइव स्टार धरने की नौटंकी और ममता को बधाई दे देती है।
पहले कम्युनिस्ट-कांग्रेस-केजरीवाल-ओवैसी-ममता की तरह अपने समर्थकों, अपने कैडर के पीछे खड़ा होना और उनके लिए खुलकर लड़ना/बोलना तो सीखो?
अरे हिंदुओं के पास तो कोई दूसरी पार्टी भी नहीं है। वह तुम्हारे लिए जान लड़ा देंगे! बस उसे भरोसा हो कि तुम सबरमती एक्सप्रेस में जल मरे 59 कारसेवकों की तरह उन्हें गुमनाम और उनके परिवार को बेबस नहीं छोड़ोगे? बात करते हैं?