Archana Kumari. लाल किला हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस एक एक आरोपी को बेनकाब करने में जुटी है लेकिन इसमें शामिल आरोपियों को बचाने का खेल शुरू हो गया है । दिल्ली महिला आयोग ने दिशा रवि की गिरफ्तारी मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
नोटिस में कहा गया है कि दिशा रवि की गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन के साथ की गई। इस बीच दिल्ली पुलिस जांच का दायरा बढ़ाते हुए कई आवश्यक कार्रवाई की है।
दिल्ली महिला आयोग ने दिशा रवि की गिरफ्तारी मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। आयोग का कहना है कि एक्टिविस्ट दिशा क्योंकि किसान आंदोलन को समर्थन दे रही थी। इसीलिए दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
आयोग ने गिरफ्तारी को लेकर FIR की कॉपी मांगी। साथ ही यह पूछा है कि क्या उसकी गिरफ्तारी के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं। आयोग दावा किया जब दिशा की गिरफ्तारी की गई उस समय उसके माता-पिता को भी यह जानकारी नहीं दी गई।
इतना ही नहीं आयोग ने संविधान का अनुच्छेद 22(1) का हवाला दिया जिसके तहत हर व्यक्ति को गिरफ्तारी के बाद पसंद के वकील द्वारा कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार देता है, जिसका दिल्ली पुलिस ने उल्लंघन किया।
ज्ञात हो कि महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी से जुड़ी है। उधर , पुलिस मुख्यालय पर दिशा रवि की रिहाई की मांग को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ( आइसा ) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
आइसा का कहना है पुलिस ने जितने भी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ जो भी चार्ज लगाए हैं उसे तत्काल प्रभाव से वापस ले । साथ ही कहा कि उमर खालिद, शरजील इमाम सभी को जल्द रिहा करें और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस ले।
इस बीच टूलकिट मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जूम को पत्र लिखकर 11 से 22 फरवरी के बीच बैठक की जानकारी मांगी । दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि 11 से 22 फरवरी के बीच आरोपितों ने जूम के जरिए कई बैठकें की हैं।
इसमें दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर साजिश रची गई थी। इसकी जानकारी जूम से मांगी गई है। इसके साथ ही पुलिस को यह भी पता चला है कि शांतनु और दिशा दिल्ली में हिंसा के दिन मौजूद थे। पुलिस का दावा है कि 11 जनवरी को एक महत्वपूर्ण बैठक थी। इस बैठक में निकिता जैकब, दिशा रवि और शांतनु सहित करीब 60 लोग शामिल हुए थे।
इस बैठक में यह तय किया गया था कि किस तरीके से 26 जनवरी के मौके पर निकलने वाली रैली को लेकर डिजिटल स्ट्राइक करनी है और कैसे सरकार के विरुद्ध काम करना है।
साइबर सेल को पता चला है कि 26 जनवरी की रैली से पहले शांतनु और दिशा दिल्ली में मौजूद थे। यह भी बताया जा रहा है कि दोनों टिकरी बॉर्डर भी गए थे। इसके बाद 27 जनवरी को दोनों दिल्ली से चले गए थे।
इसके कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी पुलिस के हाथ लगे हैं, जिसे लेकर आगे छानबीन की जा रही है। इसे लेकर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से यह कहा गया है कि आरोपित की उम्र नहीं देखी जानी चाहिए। इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य सामने होने के बाद ही दिशा की गिरफ्तारी की गई है।
“टूलकिट” मामले के तीन मुख्य आरोपियों में से एक कार्यकर्ता शांतनु मुलुक को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्राप्त है। मुलुक, जिनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, को बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ से ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिल गई ।
पटियाला हाउस कोर्ट में दिशा रवि की ओर से गर्म कपड़े, घर का खाना और किताबें उपलब्ध कराने की मांग की और कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को ये सभी वस्तुएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जबकि 15 मिनट मां से बात करने की भी दिशा रवि को अनुमति दी गई