सबसे बड़ा चरित्र का संकट , राष्ट्र बहुत है खतरे में ;
ज्यादातर नेता चरित्रहीन हैं , देश डालते खतरे में ।
धर्म – सनातन से दूर जो होते , चरित्रहीन हो जाते हैं ;
चरित्रहीन जब नेता होते , पाकिस्तान बन जाते हैं ।
गांधी – युग से चरित्र का संकट , अब तो इसकी आंधी है ;
मटियामेट करो गांधी को , तभी रुक सके आंधी है ।
चरित्रहीन जितने भी नेता , धर्म – सनातन से घबराते ;
अय्याशी वाले जो मजहब , चरित्रहीन जाकर फंस जाते ।
चरित्रहीनता के संग आते , जितने भी दुर्गुण होते हैं ;
सत्तालिप्सा , दुराचार , भय , भ्रष्टाचार सभी आते हैं ।
बाद में गुंडे उन्हें नचाते , ब्लैकमेल मनचाहा करते ;
तुष्टीकरण यही बढ़वाते , बात-बात पर जजिया लेते ।
इसीलिये ये वामी , कामी , जिम्मी , सेक्युलर होते हैं ;
चरित्रहीन होते ये सारे , राष्ट्र के दुश्मन होते हैं ।
राष्ट्र से इनको कुछ न मतलब , वासनापूर्ति में रहते हैं ;
जगह-जगह हिंदू मरते हैं , फिर भी कुछ न कहते हैं ।
लफ्फाजी करने में माहिर , पूरे पाखंडी होते हैं ;
राजनीति में लाभ को लेने ही , ये मंदिर जाते हैं ।
भोला – भाला , सीधा – हिंदू ,इनके जाल में फंस जाता है ;
और बाद में कई तरह से , वो अन्याय को सहता है ।
इसीलिये शाहीन – बाग हैं , रोड- जाम भी होते हैं ;
सबके विश्वास का नारा देकर , डीएनए यही मिलाते हैं ।
चरित्र का संकट सबसे बड़ा है , इसी से भारत जर्जर है ;
अब चरित्रवान हों सारे नेता , क्योंकि दुश्मन बर्बर है ।
नेता ढूंढो लंगोट का पक्का , इधर-उधर न मुंह मारे ;
जैसे यूपी में “योगी” हैं , ऐसे ही नेता हों सारे ।
चरित्रवान सत्ता में होंगे , राष्ट्र के संकट दूर हटेंगे ;
राष्ट्र के जितने भी दुश्मन हैं , अपने बिल में तभी घुसेंगे ।
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर, ये सब के सब चरित्रहीन हैं ;
सभी गुलाम हैं जेहादी के , राष्ट्रभक्ति से हीन हैं ।
गजवायेहिंद से बचना है तो , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ;
सारे सीएम चरित्रवान हों, अगला पीएम “योगी”सा लाओ ।
“वंदे मातरम – जय हिंद”
रचयिता : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”