अर्चना कुमारी। पाकिस्तान समर्थित आंतकवादी स्लीपर सेल के जरिए दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट करना चाहते हैं, भले ही गाजीपुर फूल मंडी में मिले बम को निष्क्रिय कर दिया गया है लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने दिल्ली पुलिस को अपनी फॉरेंसिक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें गाजीपुर फूल मंडी से बरामद आईईडी में एक टाइमर उपकरण लगा हुआ था और इसमें अमोनियम नाइट्रेट तथा आरडीएक्स मौजूद होने की अधिकारिक पुष्टि की गई है ।
इसका मतलब यह हुआ कि बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की योजना तैयार की गई थी और अंदेशा है कि इसकी योजना पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा उसके समर्थक आंतकवादी संस्था आईएसआईएस ने मिलकर तैयार की थी। दिल्ली पुलिस का कहना है 14 जनवरी को बरामद किए गए विस्फोटक पदार्थ को जांच के लिए एनएसजी के निगरानी में हरियाणा के मानेसर स्थित अपने राष्ट्रीय बम डेटा केंद्र (एनबीडीसी) के विशेषज्ञों को भेजा था। अब अंतिम जांच रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी गई है।
इसमें कहा गया है कि आईईडी में अमोनियम नाइट्रेट, आरडीएक्स, नौ वोल्ट की एक बैटरी, लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े थे, जो विस्फोट के दौरान छर्रे की तरह काम कर सकते थे और टाइमर उपकरण लगा था। बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के लिए आरडीएक्स का इस्तेमाल आईईडी में मुख्य विस्फोटक के रूप में किया गया था, लेकिन सर्किट में “गड़बड़” के कारण यह नहीं फटा, बाद में इसे निष्क्रिय कर दिया गया।
करीब तीन किलो के आईईडी को लोहे के बक्से में टिफिन बम के तौर पर रखा गया था और काले बैग में छिपाया गया था। बम मिलने के बाद फूल मंडी” में एक गड्ढा खोदा गया था और एनएसजी कर्मियों द्वारा “नियंत्रित विस्फोट” प्रक्रिया के तहत आईईडी को नष्ट कर दिया गया था। इस घटना को दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले हुआ था, जिसके लिए राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा तंत्र हाई अलर्ट पर है और तमाम सुरक्षा एजेंसियों को अत्यधिक सतर्क रहने को कहा गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आईईडी ( इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) किसने रखा था और यह किस आतंकी ग्रुप की करतूत थी। इस बारे में अभी तक की जांच में खुलासा नहीं हुआ है लेकिन शक है कि यह आईईडी उन विस्फोटकों की खेप का हिस्सा था, जिन्हें पाकिस्तान से भारत के विभिन्न राज्यों में तबाही मचाने के लिए पहुंचाया गया था।
आशंका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर आतंकी संगठन आईएसआईएस के स्लीपर सेल ने गाजीपुर फूल मंडी में बम को रखकर बड़ी तबाही मचाने की साजिश तैयार की थी लेकिन एक जागरूक व्यक्ति द्वारा मामले की जानकारी पुलिस को समय रहते दिए जाने के चलते इस बम को निष्क्रिय कर भारी तबाही होने से बचा लिया गया था।
पुलिस सूत्रों का कहना है विस्फोटक को सीमा पार से जमीन के जरिए या समुद्री मार्ग से तस्करी कर लाया गया । हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब से बरामद की गईं आईईडी विस्फोटक को भी गाजीपुर में मिले बम को इसी खेप का हिस्सा माना जा रहा है फिलहाल जांच एजेंसियां इस केस की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई है और संदिग्धों की तलाश में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लगातार छापेमारी की जा रही है ताकि स्लीपर सेल के नेटवर्क को पकड़ा जा सके।