By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speak DailyIndia Speak Daily
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • सरकारें
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
      • मनोविश्लेषण
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDEO Blog
    • Your Story
  • JOIN US
Reading: Movie Review : द कश्मीर फाइल्स नरसंहार का सत्य प्रभावशाली ढंग से प्रकट करती है
Share
Notification
Latest News
धर्मो रक्षति रक्षित: (भाग-2)
भाषा और साहित्य
भारत और भारतीय सेना को वैश्विक रूप से खलनायक बनाने में जुटे ‘देशद्रोही दरबारी’!
Blog SDeo blog
भविष्य संकेत: 12 मई – 7 जून 2025
मनोविश्लेषण
उच्चैःश्रवा
सनातन हिंदू धर्म
ऑपरेशन सिंदूर से पहले लिली और बंदर से भी दहल चुका है PAK… शौर्य से भरे 9 इंडियन ऑपरेशंस की कहानी
आजाद भारत
Aa
Aa
India Speak DailyIndia Speak Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • सरकारें
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDEO Blog
    • Your Story
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speak Daily > Blog > पाॅप कल्चर > मूवी रिव्यू > Movie Review : द कश्मीर फाइल्स नरसंहार का सत्य प्रभावशाली ढंग से प्रकट करती है
मूवी रिव्यू

Movie Review : द कश्मीर फाइल्स नरसंहार का सत्य प्रभावशाली ढंग से प्रकट करती है

Vipul Rege
Last updated: 2022/03/12 at 9:18 PM
By Vipul Rege 200 Views 7 Min Read
Share
7 Min Read
SHARE

विपुल रेगे। तीन घंटे लंबी द कश्मीर फाइल्स समाप्त होने के बाद जब दर्शक बाहर आते हैं तो थियेटर के कॉरिडोर में श्मशान सा सन्नाटा छाया रहता है। दर्शक ऐसी स्थिति में नहीं रहता कि वह कोई प्रतिक्रिया दे सके। निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की ज्वलंत फिल्म को देखने के बाद दर्शक की मनःस्थिति जैसे जड़ हो जाती है। ये तीन घंटे भारतीय दर्शक के जीवन में कभी नहीं आए थे। हिन्दी फिल्मों के इतिहास में कोई ऐसी फिल्म नहीं बनी, जो इस कदर दर्शक को स्तब्ध कर देती है।  निर्दोष कश्मीरी पंडितों के रक्त के छींटे जैसे उसकी आत्मा को झकझोर कर रख देते हैं।

कश्मीर समस्या पर बहुत सी फ़िल्में बनाई गई हैं लेकिन कोई भी सत्य के आसपास नहीं पहुँच सकी। उन फिल्मों में कश्मीर समस्या के नाम पर सेकुलरिज्म और मानवता का गान ही गाया गया था। द कश्मीर फाइल्स वहां हुए नरसंहार का दस्तावेजी सत्य प्रभावशाली ढंग से प्रकट करती है। निर्देशक ने अपनी कहानी का आधार उन सैकड़ों साक्षात्कारों को बनाया है, जो उन्होंने विश्व के कोने-कोने में बसे कश्मीरी पंडितों से लिए थे।

ये कहानी कश्मीर के एक पंडित परिवार के लड़के कृष्णा से शुरु होती है। कृष्णा के माता-पिता और भाई को नब्बे के नरसंहार में निर्दयता से मार दिया गया था। कृष्णा अपने दादा की अस्थियां लेकर कश्मीर आया है। उसे नहीं मालूम है कि उसके परिवार की हत्या कर दी गई थी। एक प्रोफेसर राधिका मेनन कृष्णा की सोच बदलने में लगी हुई है। वह कश्मीर को लेकर कृष्णा के मन में अपने देश की सरकार को लेकर जहर भरने लगती है।

एक समय आने पर कृष्णा को भी प्रोफेसर की बात पर विश्वास हो जाता है कि समस्या की असली जड़ भारत की सरकार है। जब कृष्णा कश्मीर जाता है तो उसके दादा के दोस्त उसे वह कड़वा सत्य बताते हैं, जो वह अब तक नहीं जानता था। विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म को देखते हुए आप चैन से नहीं बैठ सकते। फिल्म शुरु होते ही आप एक अनजाने भय से घिर जाते हैं।

More Read

मार्को की हिंसा देखकर आप भूल जाएंगे एनिमल और किल!
महाभारत और भगवान श्रीकृष्ण के जन्म परिस्थिति को दर्शाती भविष्य की दुनिया दिखाती है Kalki -2898 AD
कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ ने पहले दिन कमाये 5.4 करोड़ !
श्वेता पुरोहित की सच होती भविष्यवाणी से मचा तहलका!

कश्मीरी पंडितों पर मंडराता मौत का साया वे खुद पर मंडराता अनुभव करते हैं। इसके कई दृश्य आपको विचलित कर सकते हैं। आतंकी फारुख अहमद डार उर्फ़ बिट्टा कराटे जब पंडितों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाता है तो दर्शक सीट से उठकर भाग जाना चाहता है। इस फिल्म को देखने के लिए बहुत साहस चाहिए। पेड़ों पर लटके शव, बच्चों और बूढ़ों की नृशंस हत्याएं देख कलेजा मुंह को आने लगता है।

हत्याओं को दिखाने के लिए निर्देशक ने सांकेतिक दृश्यों का प्रयोग नहीं किया है। उन्होंने सीधे हत्याएं होती दिखाई है। शायद निर्देशक यही चाहते थे कि नब्बे के दौर की उन भयंकर परिस्थतियों को दर्शक वास्तविकता से अनुभव करे। कलाकारों में अनुपम खेर सबसे अधिक प्रभावशाली सिद्ध होते हैं। उनकी सफल यात्रा में अब तक सारांश को मील का पत्थर माना जाता था लेकिन इस फिल्म के बाद उनको लोग पुष्कर नाथ पंडित की भूमिका के लिए याद करेंगे।

चूँकि अनुपम खेर स्वयं कश्मीर में उस नर्क को भोग चुके हैं इसलिए उनकी आँखों से झांकती पीड़ा में बहुत सत्यता दिखाई देती है। वे अपने अभिनय से हमें स्तब्ध कर देते हैं। हम पुष्कर नाथ पंडित के किरदार से इतना जुड़ जाते हैं कि फिल्म में उसकी मृत्यु पर अपनी आँखों के कोर गीले होते हुए पाते हैं। मिथुन चक्रवर्ती ने आईएएस अधिकारी ब्रम्हा दत्त का किरदार निभाया है।

ये किरदार हमें थियेटर से बाहर आने पर भी याद रहता है। कृष्णा की भूमिका में दर्शन कुमार मन को लुभाते हैं। फिल्म के क्लाइमैक्स में उनकी अदायगी देखने योग्य है। कृष्णा की भूमिका को ध्यान से देखा जाए तो उसमे हमें भारत का युवा दिखाई देता है। वास्तव में निर्देशक ने कृष्णा को एक प्रतीक बनाकर प्रस्तुत किया है। कृष्णा उन युवाओं का प्रतीक है, जिन्हे लगता है कि कश्मीर में पंडितों का नरसंहार नहीं हुआ था।

कृष्णा का ब्रेन वाश कर उसे सच्चाई से दूर ले जाया जाता है। फिल्म में जेएनयू और वहां के शिक्षकों को लेकर जो संकेत दिए गए हैं, वे दर्शक को बखूबी समझ आते हैं। इस फिल्म को देखने के लिए दर्शक में बहुत क्रेज देखा जा रहा है। लगभग सारे ही शो भरे हुए हैं। फिल्म देखने के लिए युवा बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। इस बिंदु पर फिल्म बनाने का उद्देश्य भी पूरा हो जाता है।

निर्देशक का उद्देश्य यही था कि कश्मीर समस्या को लेकर युवाओं के भ्रम को दूर किया जाए। मुझे याद आता है कि सन 2020 में फिल्म निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने कश्मीर समस्या को लेकर एक फिल्म शिकारा बनाई थी। कश्मीरी पंडितों ने इसे प्रोपगेंडा फिल्म कहकर नकार दिया था। इस फिल्म की स्क्रीनिंग में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी थे। वे इस फिल्म को देख भावुक हो गए थे।

क्या अब आडवाणी कश्मीर समस्या पर बनी वास्तविक फिल्म देखने जाएंगे ? फिल्म देखने के बाद आम दर्शक स्वछंदता से अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है लेकिन राजनीतिक वर्ग मौन है। ऐसी साहसिक फिल्म पर राजनीतिक वर्ग की प्रतिक्रिया आनी ही चाहिए। विवेक अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म में एक दृश्य बार-बार दिखाया है। वे एक्स्ट्रीम लॉन्ग शॉट में बर्फ से ढंका कश्मीर दिखाते हैं।

इस लॉन्ग शॉट में कश्मीरी घर दिखाए जाते हैं, जिनकी छतों को देखकर लगता है कि कफ़न से ढंके कई शव पड़े हुए हैं। कश्मीर की सफ़ेद नर्म घास में निर्दोष पंडितों का रक्त मिला हुआ है। उनके घर आज भी उनकी राह तकते हैं। उन घरों की वीरानियों में कश्मीर का लोक संगीत गूंजता है। उन संगीत की लहरियों से भी यही पुकार सुनाई देती है कि घर कब आओगे।

Related

TAGGED: Anupam Kher, Bollywood Movie Review, Box office, darshan kumar, kashmir Terrorism, mithun chakraborty, Movie Review by Vipul Rege, Pallavi Joshi, Puneet issar, The Kashmir Files, Vivek Agnihotri
Vipul Rege March 12, 2022
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
Vipul Rege
Posted by Vipul Rege
पत्रकार/ लेखक/ फिल्म समीक्षक पिछले पंद्रह साल से पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में सक्रिय। दैनिक भास्कर, नईदुनिया, पत्रिका, स्वदेश में बतौर पत्रकार सेवाएं दी। सामाजिक सरोकार के अभियानों को अंजाम दिया। पर्यावरण और पानी के लिए रचनात्मक कार्य किए। सन 2007 से फिल्म समीक्षक के रूप में भी सेवाएं दी है। वर्तमान में पुस्तक लेखन, फिल्म समीक्षक और सोशल मीडिया लेखक के रूप में सक्रिय हैं।
Previous Article राजनीति बदल गई, राजनीतिक टूल्स बदल गए!
Next Article तीन दिन में 34 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर चुकी ‘द कश्मीर फाइल्स’
2 Comments 2 Comments
  • Avatar Meena rege says:
    March 14, 2022 at 5:15 pm

    समीक्षा पढकर फिल्म देखने की इच्छा बलवती हो गई है।

    Loading...
    Reply
  • Avatar Kundan Tiwary says:
    March 14, 2022 at 7:02 pm

    कश्मीरी पंडितों के साथ जो बर्ताव हुआ है, जेहादियों द्वारा उनपर जो बर्बरता की गई है उसे परदे पर देख पाना भी आसान बात नहीं है, लिहाजा इसी से उनकी पीड़ा को समझा जा सकता है। यह फिल्म अतीत के इतिहास का वह काला पन्ना है जिसके बारे में आज भी कम लोग ही जानते हैं, हमेशा की तरह अपनी समीक्षा के माध्यम से सच्चाई को और बेहतर ढंग से रूबरू कराने के लिए विपुल रेगे भैया का आभार। 🙏🏻

    Loading...
    Reply

Share your CommentCancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

धर्मो रक्षति रक्षित: (भाग-2)
भारत और भारतीय सेना को वैश्विक रूप से खलनायक बनाने में जुटे ‘देशद्रोही दरबारी’!
भविष्य संकेत: 12 मई – 7 जून 2025
उच्चैःश्रवा

You Might Also Like

SDeo blogमूवी रिव्यू

मार्को की हिंसा देखकर आप भूल जाएंगे एनिमल और किल!

January 2, 2025
SDeo blogबॉलीवुड न्यूज़मूवी रिव्यू

महाभारत और भगवान श्रीकृष्ण के जन्म परिस्थिति को दर्शाती भविष्य की दुनिया दिखाती है Kalki -2898 AD

July 4, 2024
मूवी रिव्यू

कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ ने पहले दिन कमाये 5.4 करोड़ !

June 15, 2024
SDeo blogपरंपरा, पर्व और प्रारब्ध

श्वेता पुरोहित की सच होती भविष्यवाणी से मचा तहलका!

May 20, 2024
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2025 - Kapot Media Network LLP. All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?
%d