आईएसडी नेटवर्क। फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की बहुप्रतीक्षित फिल्म द कश्मीर फाइल्स 11 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही है। प्रदर्शन से पूर्व ही फिल्म को कई विरोधों का सामना करना पड़ा है। एक ज्वलंत मुद्दे पर बनाई गई फिल्म को प्रोपगेंडा फिल्म बताने के भी प्रयास हो रहे हैं। कश्मीरी पंडितों पर बनाई गई ये फिल्म थियेटर्स में प्रदर्शित की जा रही है।
कश्मीरी पंडितों के पलायन और उनकी पीड़ा को दिखाती द कश्मीर फाइल्स में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और पुनीत इस्सर मुख्य भूमिकाओं में दिखाई देंगे। द कश्मीर फाइल्स अब तक कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में दिखाई जा चुकी है। फिल्म को दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली है। निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ये फिल्म उनके लिए एक मिशन बन गई थी।
वे फिल्म निर्माण के दौरान ऐसे 700 से अधिक पीड़ितों से मिले, जिनमे कइयों के माता-पिता की हत्या उनकी आँखों के सामने की गई थी। विवेक अपनी फिल्म के कथानक को वास्तविकता का पुट देने के लिए विश्व के कोने-कोने में गए हैं। उन्होंने बहुत से लोगों से भेंट की और उनकी पीड़ादायी कहानियां सुनी है।
विवेक ने अपनी फिल्म के विरोध होने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि समझ नहीं आता कि कुछ वर्ग के लोग हमारी फिल्म को प्रोपेगेंडा करार देने पर क्यों तुले हैं। उन्होंने कहा कि अब तक कश्मीर विवाद पर बनी अधिकांश फिल्मों में आतंकवाद को सही ठहराया गया है। द कश्मीर फाइल्स के एक दृश्य को लेकर अग्निहोत्री के विरुद्ध फतवा जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 1990 में घाटी के भीतर 75,343 परिवार थे। 1990 और 1992 के बीच 70,000 से ज्यादा परिवारों ने घाटी को छोड़ दिया। पिछले 30 सालों के दौरान घाटी में बमुश्किल 800 हिंदू परिवार बचे हैं। कश्मीरी पंडितों का विषय देशभर में सबको छूता है। अब तक ऐसी एक भी फिल्म नहीं आई, जिसमे कश्मीरी पंडितों की पीड़ा सौ प्रतिशत परिलक्षित हुई हो।
संतुलन बनाने के लिए अधिकांश फिल्मकारों ने इस ज्वलंत विषय से अब तक न्याय नहीं किया है। द कश्मीर फाइल्स से दर्शकों को बड़ी अपेक्षाएं हैं क्योंकि निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इसे बनाने के लिए पर्याप्त शोध किया है। `