सच्चे – इतिहास का पूर्ण – खुलासा , सर्वोत्तम ये फिल्म है ;
हर -हिंदू हर – हाल में देखे , इसमें सच्चा – इल्म है ।
कितने संहार हुये हिंदू के , सबने ये इतिहास छिपाया ;
साधुवाद विवेक रंजन को, जिसने सच्चा इतिहास दिखाया।
जितने संभव हों प्रोत्साहन , इसको मिलना चाहिये ;
भारत भर में टैक्स – मुक्त अब , इसको करना चाहिये ।
हर स्कूलों में इसे दिखाओ , अब सच्चा इतिहास बताओ ;
झूठे इतिहास की लानत त्यागो ,ऐसी ही हर फिल्म बनाओ।
हिंदू को कायर करने का , कुत्सित प्रयास अब बंद करो ;
सोशल-मीडिया जगा चुका है , झूठ का नाटक बंद करो ।
सच्चाई अब छुप न सकेगी , सामने उसको आना ही है ;
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर , इन सबको अब जाना ही है ।
बॉलीवुड की गंदी – फिल्में , भरी हुई मक्कारी है ;
सौ में नब्बे फिल्में ऐसी , जिनमें पूरी गद्दारी है ।
गंदी राजनीति भारत की , गंदा सेंसर – बोर्ड है ;
कोई कितना गिर सकता है ? मची हुयी ये होड़ है ।
भारत की आजादी फर्जी , पूरा जेहादी – राज है ;
तुष्टीकरण बढ़ता ही जाता , गंदा अल्पसंख्यक राज है ।
राष्ट्र के रक्षक बने हैं भक्षक , पूरे धोखेबाज हैं ;
तक्षक बनकर डसें राष्ट्र को , ऐसे नौटंकीबाज हैं ।
ऐसे अंधकार में चमकी , ये कश्मीर की फाइल है ;
अंधकार अब मिटके रहेगा , ऐसी कश्मीर की फाइल है ।
प्रोत्साहन इतना हो इसको , ऐसी फिल्में बनती रहें ;
सच्चा – इतिहास सामने आये , झूठी – दीवारें गिरती रहें ।
जहां नहीं सच को प्रोत्साहन , मौत राष्ट्र की होती है ;
चरित्रहीनता बढ़ती जाती है , सेक्युलरिज्म जो होती है ।
इसको केवल फिल्म न समझो , ये सच्चा- इतिहास है ;
इतना सफल प्रयास है ये , गद्दार गलों की फांस है ।
राष्ट्रप्रेम की उठी लहर है , बनके रहेगी सुनामी ;
गद्दारों की मौत बनेगी , झूठे – इतिहास की बदनामी ।
अब सच्चा- इतिहास लिखेंगी , जितनी भी हैं ऐसी फिल्में ;
जब नाकारा होती सरकारें , उनको राह दिखाती फिल्में ।
बहुत ही अच्छी फिल्म बनी ये , इसी तरह की और बनाओ;
हर – हिंदू सच्चाई जाने , गजवायेहिंद से राष्ट्र बचाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”