१)भाग्यनगर यानि ग्रेटर हेदराबाद नगर निगम के चुनावों में मोदी -शाह – नड्डा का पंच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को सालता रहेगा। विपक्षी दलों का राष्ट्रीय मोर्चा बनाने की कोशिशों में लगे केसीआर को भाजपा ने ऐसा घुटने पर टिकाया है कि वे अब अपने तेलंगाना के क़िले को बचाने के लिए ही बदहवास भागते रहेंगे।
२) अब हेदराबाद की हवा पूरे तेलंगाना में तो फ़ेलेगी ही साथ ही आंध्रप्रदेश को भी लपेट लेगी . ऐसे में आंध्र के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की नींदे भी उड़नी तय है।
३) अब भाजपा के पास तेलंगाना में ज़मीनी नेताओ की एक फ़ौज है जो पूरे प्रदेश को मथकर गाँव गाँव तक पार्टी को पहुँचा देंगे व बंगाल की तरह केसीआर से नाराज़ बहुत सारे नेता व कार्यकर्ता भी भाजपा की ओर बढ़ते जाएँगे।
४) बिहार के बाद अब तेलंगाना में भी ओवेसी व भाजपा की दोस्ताना लड़ाई शानदार ज़मीनी नतीजे ला रही है जो सेकूलर राजनीति के लिए बड़ी ख़तरे की घंटी है।
५) सबसे बड़ी बात यह कि भाजपा को यह बढ़त अपने दम पर मिल रही है, किसी सहयोगी के साथ नहीं। तमिलनाडु को छोड़कर पूरे दक्षिण भारत में भाजपा का अपने दम पर ताक़त बनकर उभरना राष्ट्रीय व क्षेत्रीय राजनीति दोनो को ही बदलकर रख देगा। तमिलनाडु में भी अन्नाडीएमके, शशिकला व रजनीकांत के साथ भाजपा का गठजोड़ राज्य में पुनः सत्ता में वापसी कर सकता है और वायको की पार्टी भी इसमें अप्रत्यक्ष मदद कर सकती है।
कुल जमा राष्ट्रवाद व हिंदुत्व के रथ पर सवार मिशन मोदी: चप्पा चप्पा भाजपा सही दिशा में जा रहा है व बर्ष २०२१ भाजपा के लिए पूर्व व दक्षिण दोनो दिशाओं में क्रांतिकारी बर्ष हो सकता है। कोई बड़ी बात नहीं कि पश्चिम के महाराष्ट्र व राजस्थान में भी इस वर्ष बड़ा उलटफेर हो जाए, उत्तर में तो उसका वर्चस्व है ही।
अनुज अग्रवाल
संपादक, डायलॉग इंडिया
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