भारत की स्वतंत्रता से लेकर 2014 तक कुल 3 करोड़ 20 लाख मुसलमान छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दी गई, जबकि मोदी सरकार के केवल आठ साल के कार्यकाल में 5 करोड़ 20 लाख मुस्लिमों को छात्रवृत्ति दी गई है।
मुस्लिम छात्र/छात्राओं को यह स्कॉलरशिप प्री एंड पोस्ट ग्रेजुएशन के अलावा टेक्निकल और पीएचडी लेवल पर भी दी गई है।
संसद से लेकर मीडिया तक इसकी उचक-उचक कर घोषणा करने वाले मुख्तार अब्बास नकवी की आज मंत्रीमंडल से छुट्टी हो गई! वैसे निकट भविष्य में नकवी को इसका पुरस्कार भी मिल सकता है! आखिर उन्होंने वह किया है जो 60-65 साल के शासन में कांग्रेस भी नहीं कर पाई।
गुजरात मॉडल में यह भी शामिल था कि जब भी किसी मंत्री के विरुद्ध लोगों का गुस्सा बढ़े, उसे पद से हटा कर गुस्सा सोख लो, लेकिन योजनाएं चालू रखो।
भारत सरकार का शिक्षा व कानून मंत्रालय आज भी उस उदाहरण पर खड़ा उतरता है, जहां कार्य होने की जगह केवल और केवल मंत्री बदलता रहता है। अब अल्पसंख्यक मंत्रालय भी इस श्रेणी में आ गया है!