केवल ब्रह्म कुमारीज ही नहीं अन्य भी :- विषय :- रिटायर होने तक सब ठीक था – मेरे रिटायर होते ही 61 साल की उम्र में मुझे छोड़ कर ओमान में अकेले रहने वाली पत्नी सुनंदा तिवारी को नौकरी पर रखने वाले स्कूल अधिकारियों को उन्हें सही राह पर लाने हेतु सख्त कार्यवाहियों के लिए निर्देश भेजने के लिए निवेदन |
महाशय,
(महिलाओं का सम्मान हर हाल में होना चाहिए ) परंतु यदि कोई महिला स्थापित भारतीय मान्यताओं – संस्कृति की धज्जियाँ उड़ाकर समाज को गलत संदेश दे रही हो तो उस पर भी कार्यवाहियां होनी चाहिए जब तक मैं जाब में था – बच्चों के साथ पत्नी की पढ़ाई – हर तरह की इच्छाओं पर खर्च करता रहा – सब खुश थे पर मेरे रिटायर होते ही – ईसाईयत की लड़ाई में सबने मुझसे किनारा कर लिया -हिंदू परिवारों में हालत बहुत खराब हो रही है
बिना तलाक दिए मेरी पत्नी सुनंदा तिवारी जो मूलत: आरा बिहार और 310 ,1-सी बोकारो स्टील सिटी झारखंड की रहने वाली हैं – मुझे 61 साल की उम्र में भारत में छोड़ कर ओमान जाकर इंडियन स्कूल बाउसर में नौकरी कर रही हैं – ( हिंदी – हिन्दुत्व को बचाने के लिए मैं लगातार काले अंग्रेज़ों से लड़ता रहा जिसके कारण – मेरी पत्नी – मुझे 61 साल की उम्र में भारत छोड़ कर सल्तनत आफ ओमान चली गई हैं क्योंकि मैं ओमान में ईसाई नहीं बना और उनसे मुकाबला कर रहा हूँ ) – सुनंदा फोन भी नहीं उठाती हैं
मेसेज का जवाब भी नहीं देती हैं ( ज्ञातव्य हो कि हिन्दी तथा हिन्दुत्व विरोधी केरलियन ईसाई प्रिंसिपल जान डामनिक जार्ज की गलत शिकायतों के कारण जब मुझे ओमान जेल में बंद कर दिया गया था तो मेरी पत्नी मेरे लिए वकील न करके भारत आ गईं – मेरे मित्रों – रिश्तेदारों का फोन भी नहीं उठाईं वकील भी नहीं कीं अंतोत्गत्वा अनुवादक की सहायता से मैं अपने केस को खुद लड़कर बाइज़्ज़त बरी होकर भारत आया तो मेरी पत्नी ओमान चली गईं
आज एक भिन्न वातावरण में रहकर खतरा लेकर हिंदुत्व को बदनाम करने में लगी हैं) क्या किया जाए – आप सभी यथासंभव मार्ग निर्देशन व सहायता कीजिये समय मिले तो काल कीजिएगा – मुझे संक्षिप्त में यही कहना है कि सुनंदा जो कर रही हैं – वो हिन्दू परिवारों के लिए घातक हो सकता है – मेरा घर तो जल ही गया पर लपटें दूर तक जाएंगी – आप सभी का सहयोग वांछनीय है