अग्रगण्य “संदीप-देव” हैं
सरकारें क्यों धर्म की दुश्मन ? क्यों पापाचार की छूट है ?
बेईमान नेता व अफसर , क्यों मचा रहे ये लूट हैं ?
क्यों कानून हो गया है बधिया,क्यों पुलिस हो गई पूर्ण नपुंसक
कैसी साजिश चल रही देश में?क्यों म्लेच्छ बने इतने हिंसक ?
क्यों हिंदू-मंदिर तोड़े जाते हैं ? क्यों घुसपैठ कराई जाती है ?
कर्जा ले-लेकर म्लेच्छ देश को , ये रसद क्यों भेजी जाती है ?
ब्लैकमेल क्यों होते नेता ? किनके पास उनकी फिल्में है ?
क्यों चरित्रहीन हैं इतने नेता ? जिससे बन पाती वे फिल्में हैं ।
क्यों महामूर्ख है देश का हिंदू ? किसको हृदय सम्राट बनाता ?
क्यों देश के सबसे बड़े शत्रु को ? क्योंकर देश की सत्ता देता?
हिंदू ! कब तक बंटा रहेगा ? कब तक गला कटायेगा ?
हिंदू ! आखिर कब चेतेगा ? क्या जब सब-कुछ लुट जायेगा ?
जागो ! हिंदू अब तो जागो , घर – परिवार बचाना है ;
पूरी तरह संगठित होकर , हिंदू – धर्म बचाना है ।
धर्म बचेगा – देश बचेगा , तभी राष्ट्र बच पायेगा ;
या अब्बासी-हिंदू नेता के कारण , मिट्टी में मिल जायेगा ।
पूरी तरह गुलाम ये नेता , क्षण-क्षण ब्लैकमेल होता है ;
इसकी फिल्मों का भय दिखलाकर,दुश्मन ब्लैकमेल करता है।
“डीप-स्टेट” हिंदू का दुश्मन , अब्राहमिक-ग्लोबल-एजेंडा ;
हिंदू – धर्म मिटा देने का , “डीप-स्टेट” का है एजेंडा ।
बेचारा हिंदू ! कुछ न जाने , पढ़े-लिखे तक हैं अनजाने ;
बिकी हुयी है प्रेस-मीडिया , इसका तो कुछ नहीं मायने ।
सोशल-मीडिया के कुछ-चैनल, सत्य से पर्दा हटा रहे हैं ;
अग्रगण्य “संदीप-देव” हैं , हिंदू को सब-कुछ बता रहे हैं ।
इसी तरह “अक्षय-कपूर” हैं , “विशाल-सिंह” के क्या कहने ;
“मधु-किश्वर” दीदी को जानो , इनके वचन सत्य के गहने ।
बेजोड़ हैं “डॉक्टर शिल्पी-तिवारी” , खरी-बात ही कहते हैं ;
इन पांचो को हिंदू ! तुम सुनना, वरना तो प्राण ही जाते हैं ।
अपने प्राण बचाओ हिंदू ! अच्छी-सरकार बनाओ हिंदू !
अब तक हिंदू ! चूकते आये, अब नहीं चूकना ओ ! हिंदू ।
अब्बासी-हिंदू के जाल को काटो ,ये दुश्मन-देशों का पांसा है ;
अब्राहमिक – ग्लोबल - एजेंडा , जिसने इसको फांसा है ।
पांचों उपरोक्त हैं हिंदू – योद्धा , पूरी तरह अजेय हैं ;
सारे हिंदू ! ऐसे बन जाओ , फिर तो हिंदू ! तू अजेय है ।
मोबाइल फोन है सबके हाथों में , इसका पूरा उपयोग करो ;
इन पांचों को सुनकर हिंदू ! हर बाधा को पार करो ।