अनंत ब्रम्हांड में स्थित किसी आकाशगंगा के ग्रह से पृथ्वी पर शिकार खेलने के लिए आने वाले एलियन की कल्पना रोमांचकारी है। इस विचार पर बनी सन 1989 में अर्नाल्ड श्वार्जनेगर की केंद्रीय भूमिका वाली फिल्म ‘प्रेडेटर’ विश्वभर में बड़ी कामयाब रही। वीभत्स चेहरे, नुकीले दांत वाले परग्रही पृथ्वी पर आकर मनुष्यों का शिकार करते हैं। उनके नर कंकालों को ट्रॉफी की तरह सजाते हैं।
अस्सी के दशक के अंत में प्रदर्शित हुई इस फिल्म ने लगभग साठ करोड़ डॉलर की कमाई कर डाली थी, जो एक कीर्तिमान है। एक अपराजित दरिंदे को खलनायक के रूप में देखकर दर्शक रोमांचित हो जाते थे। ‘प्रेडेटर सीरीज’ में अब तक छह फ़िल्में बन चुकी हैं। इस शुक्रवार इस सीरीज की अगली फिल्म ‘द प्रेडेटर’ प्रदर्शित हुई। फिल्म की कहानी ‘रिबूट’ की गई है और दुनियाभर के दर्शकों ने इसे हाथोहाथ लिया है।
‘द प्रेडेटर’ का ट्रेलर
धरती पर शिकार करने आया प्रेडेटर एक सैनिक से मुकाबला करते हुए मारा जाता है। सैनिक उसका ‘एटमोस्फेरिक मास्क’ और कवच छुपाकर अपने घर कुरियर कर देता है। सैनिक का बेटा नादानी में उसके मास्क को एक्टिवेट कर देता है। पृथ्वी से बाहर मौजूद एक विशाल प्रेडेटर सक्रिय हो जाता है। ये वाला प्रेडेटर न केवल बहुत विशाल है बल्कि बहुत तेज़ तर्रार है। चंद सेकंड में मानव शरीर के चिथड़े उड़ा देता है। इसे दस आदमियों के साथ हराना बहुत मुश्किल काम है। एक रहस्योद्घाटन ये होता है कि प्रेडेटर पृथ्वी पर मानव का डीएनए एकत्रित कर रहे हैं। वे अपनी अगली पीढ़ी को पृथ्वी के सबसे तेज़ दिमाग वाले मनुष्य के डीएनए से अपग्रेड करना चाहते हैं।
निर्देशक शॉन ब्लैक ने कहानी में बदलाव लाकर इस सीरीज की उम्र बढ़ा दी है। कहानी में बच्चे का किरदार एक नयापन ले आया है। नयापन है लेकिन प्रेडेटर का ‘वीभत्स रस’ पहले की तरह विद्यमान है। फिल्म के कई सीक्वेंस ऐसे हैं कि परदे पर से निगाहें नहीं हटती। निर्देशक ने प्रेडेटर के आतंक को बरक़रार रखते हुए रहस्य का आवरण अंतिम समय तक बनाए रखा है।
केवल दो घंटे अवधि की ये फिल्म बहुत तेज़ गति से दौड़ती है। दृश्य तेज़ी से बदलते हैं। चूँकि ये एक साइंस फिक्शन है इसलिए इसके तकनीकी पक्ष को समझे बिना फिल्म देखने का आनंद नहीं आएगा। जो पहले से प्रेडेटर फिल्मों के दर्शक हैं, उन्हें कहानी समझने में दिक्क्त पेश नहीं आएगी।
बहुत दिनों बाद ऐसी फिल्म आई है, जिसमे एलियन को इस ढंग से दिखाया गया हो। ख़ास तौर पर बड़ा प्रेडेटर दर्शकों को बहुत पसंद आ रहा है। ये एक ऐसा विलेन है जो सारी सेना पर भारी पड़ जाता है। और देखा गया है कि जिन फिल्मों में नायक के सामने एक ‘अविजित खलनायक’ आ जाता है, उन्हें बहुत पसंद किया जाता है। प्रेडेटर के विशाल दरिंदे को भी इसलिए पसंद किया जा रहा है कि वह आखिरी तक काबू नहीं आता। साइंस फिल्म देखने के शौक़ीन दर्शकों के लिए ये एक बेहतरीन फिल्म है। इस वीकेंड ‘प्रेडेटर’ की दरिंदगी देखी जा सकती है। और यदि आप पहले से प्रेडेटर’ देखते आ रहे हैं तो आपका सप्ताहांत बहुत लजीज होने जा रहा है।
URL: The Predator movie review- Director Shawn Black’s film is scared
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