अर्चना कुमारी । 2023 के आने का लोगों को इंतजार है लेकिन इस बीत रहे साल की दुखद यादें अब तक लोगों के जेहन में ताजा हैं। इस साल कई तरह के अपराध हुए लेकिन सबसे चौंकाने वाला घटना दिल्ली के महरौली में श्रद्धा हत्याकांड ने सभी का दिल दहला दिया। कोई सोच नहीं सकता कि कोई प्रेमी इतना खतरनाक कदम उठा सकता है।
लिवइन में रहने वाली श्रद्धा की हत्या करके उसके शव के कई टुकड़े उसके प्रेमी आफताब अमीन पूनावाला ने कर दी और अब वह जेल की सलाखों के पीछे है। साल के अंत में मुंबई से एक्ट्रेस तनीषा शर्मा की खुदकुशी सामने आए ,जिसको लेकर उसके बॉयफ्रेंड सीजान मोहम्मद खान को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया ।
आरोप है कि सीजान मोहम्मद खान ने तनिषा को धोखा दिया था और प्रेग्नेंट होने पर शादी किए जाने से इंकार कर दिया । मुस्लिमों के द्वारा हिंदू लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसा कर लव जिहाद का मामला पूरे भारत में चर्चा में रहा और सरकार इस पर ठोस कदम उठाने में विफल रही।
इसी साल एक घटना नूपुर शर्मा प्रतिक्रिया विवाद ,जो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही और अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गई क्योंकि निलंबित भाजपा नेता के द्वारा अपने धर्म के मजाक उड़ाने को लेकर जब विरोध प्रकट किया गया तब मुस्लिम चरमपंथियों ने इसे अपमानजनक मांगते हुए राजस्थान के शहर उदयपुर से लेकर महाराष्ट्र कोल्हापुर तथा अन्य शहरों में कई हिंदुओं का गला काट खुद को उन्मादी होने का परिचय दिया।
सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने में बिल्कुल अक्षम साबित हुई और कतर तथा तुर्की जैसे देशों के दबाव में आकर बैकफुट पर आ गई जबकि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर चर्चा के दौरान जब 27 मई को भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर नुपुर एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं।
उस दौरान पता चला कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं। नुपुर ने इसके आगे इस्लामी मान्यताओं का जिक्र किया, जिसे कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया और नुपुर पर पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया।
नुपुर का वीडियो वायरल होते ही इस पर कई केस दर्ज हुए और उन्हें जान का खतरा महसूस हुआ लेकिन भाजपा ने उनका साथ देने के बजाय उन्हें पार्टी से चलता कर दिया। इस बीच कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबेर भी कलयुग के भगवान हनुमान को अपमानित किए जाने को लेकर एक अन्य मामले में पकड़ा गया लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई । साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा के चूक का मामला भी चर्चा में रहा।
बताया जाता है कि पंजाब के फिरोजपुर में सड़क मार्ग से सफर करने के दौरान उनका काफिला प्रदर्शनकारियों के बीच फंस गया था , जिससे वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए थे। वैसे तो इस साल कई अपराधिक घटनाएं हुए, इस को लेकर खूब चर्चा रही लेकिन एक महत्वपूर्ण मामला यह भी था कि यूएपीए के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी सगंठनों पर प्रतिबंध लगाकर नकेल कसने का दावा किया गया।
इस संस्था से जुड़े सैकड़ों लोगों को पकड़ा गया और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जप्त किए गए । गजवा ए हिंद बनाने की तैयारी में जुटे पीएफआई के लोगों से पता चला कि वह भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं तथा इस दिशा में विभिन्न एजेंसियों ने तालमेल बिठाते हुए भारत के विभिन्न शहरों में छापेमारी करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया जबकि इस मामले का खुलासा पटना के फुलवारी शरीफ से किया गया था । इसके अलावा कई अन्य घटनाएं भारत में सुर्खियों में रही जबकि अब साल 2022 अच्छी बुरी यादों के साथ बीतने वाला है। एक नया साल, नई उम्मीदों के साथ सभी के जीवन में आएगा।