अर्चना कुमारी । गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती की संस्था के साधुओं को दिल्ली में हिरासत में ले लिया गया। बताया जाता है कि सभी सुप्रीम कोर्ट में इच्छा मृत्यु की मांग करने जा रहे थे जबकि इस पर नरसिंहनंद सरस्वती ने कहा कि न्याय के लिए आवाज नहीं उठाने दिया जा रहा है और पदयात्रा पर भी रोक लगा दी गई ।
उन्होंने कहा कि हमारे सदस्य सुप्रीम कोर्ट हमारे और अपने लिए इच्छा मृत्यु मांगने गए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा कल हम मेरठ जाना चाहते थे, लेकिन हमें पदयात्रा की इजाजत नहीं मिली। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को न्याय के लिए अब आवाज उठाने का भी अधिकार नहीं दिया जा रहा है जबकि न्याय के लिए आवाज उठाने का सभी को अधिकार है।
आतंकवादियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है, और हमें गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें यह जानना है कि हमने ऐसा कौन सा पाप किया है, हम अगर आवाज उठाते हैं तो हम पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं सब से आग्रह करता हूं कि इस विषय में आवाज उठाएं गौरतलब है कि यति नरसिंहानंद सरस्वती ने 2 दिन पहले कहा था कि वह मेरठ तक पदयात्रा करने जाएंगे जबकि मेरठ में हुई युवक की हत्या के मामले में दूसरे समुदाय के आरोपियों को पकड़े जाने के बाद नरसिंहानंद सरस्वती ने पदयात्रा का ऐलान किया था
लेकिन धारा 144 का हवाला देते हुए प्रशासन ने उन्हें पदयात्रा करने की इजाजत नहीं दी और उन्हें नजरबंद कर लिया गया था। इस बीच मंदिर पर भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। उनका कहना है कि सनातन पर हो रहे अत्याचार को बंद करना चाहते हैं इसी बीच शुक्रवार को मंदिर से जुड़े हुए कुछ संत समाज के साधु दिल्ली के लिए रवाना हो गए जिन्हें हिरासत में ले लिया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया