संघ को डॉ हेडगेवार ने शरीर दिया और गुरु गोलवलकर जी ने उन्हें आत्मा दी। गोलवलकर जी का ‘बंच ऑफ थॉट’ जिस संघ परिवार का संविधान होना चाहिए था, आज वह उसे पूरी तरह से भूलती जा रही है। भाजपा गुरु जी,वीर सावकर या श्यामा मुखर्जी की जगह तेजी से न केवल कांग्रेसी नेताओं, बल्कि उनके विचारों को भी अपनाती जा रही है।
भाजपा का कांग्रेसीकरण और संघ का भाजपाकरण तेजी से हो रहा है। MBA में एक केस स्टडी पढ़ाई जाती है कि कैसे कोकोकोला ने पेप्पसी को परास्त करने के लिए अपने मूल टेस्ट से समझौता किया और वह पिछड़ती चली गई। भाजपा के बड़े नेताओं को यह केस स्टडी पढ़ना चाहिए।
संघ के पुराने स्वयंसेवकों ने फोन किया कि आपने गुरुजी पर पुस्तक लिखी है। उनके विचारों को गहराई से समझते हैं आप प्लीज संघ और भाजपा को गुरुजी की विचारों की याद दिलाइए। बड़ी मुश्किल से सत्ता आई है, लेकिन जिस तेजी से संघ के मूल विचार पर कांग्रेसी-कम्युनिस्ट-सेक्यूलरिज्म विचार हावी होता जा रहा है, वह चिंतनीय है।
जल्द ही नहीं संभले तो जिस तरह गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, हिमाचल प्रदेश आदि में भाजपा जन-नेता विहीन हो चला है, वैसा ही कुछ भविष्य में केंद्रीय भाजपा के साथ भी हो जाएगा, और यदि एक बार ऐसा हुआ तो फिर दशकों तक संभलने का मौका नहीं मिलेगा।
मैं आज से तीन दिन तक हर दोपहर एक श्रृंखला कर रहा हूं। गुरु गोलवलकर जी ने मुस्लिम, ईसाई, कम्युनिस्ट तुष्टीकरण और उससे होने वाली हानि के प्रति क्या विचार अपने ‘बंच ऑफ थॉट’ में रखे थे, और आज का संघ/भाजपा कैसे उन विचारों को रद्दी की टोकरी में डाल कर तुष्टीकरण की राह पर सरपट दौड़ती जा रही है, वह जानना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है।
आज से यह पूरी श्रृंखला संघ के स्वयंसेवकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के आग्रह पर की जा रही है, और उन्हीं को समर्पित है। तो आइए और जुड़िए #ISDLive में दोपहर 3 बजे। इससे पहले कि पंचमक्कार एक मात्र हिंदूवादी पार्टी को हम हिंदुओं से ही छीनने में सफल हो जाए, हम सचेत करें उनको जिनके कंधे पर सत्ता की जिम्मेदारी है। धन्यवाद।