विपुल रेगे। टॉम क्रूज़ के भीतर पता नहीं कौन से रसायनों का मिश्रण है, जो उन्हें विश्वभर में लोकप्रिय बनाए रखता है। नीली आँखों वाला ये अभिनेता किसी ग्रीक देवता की छवि लिए महसूसता है। उनकी माइल स्टोन फिल्म टॉप गन 1986 में प्रदर्शित हुई थी। तीन दशक बाद टॉम एक बार फिर टॉप गन लेकर वापस लौटे हैं। ये एक ऐसे पॉयलट की कथा है, जो अब बूढ़ा हो रहा है। रिटायर होने से पहले मेवरिक एक बार और हवा से बातें करना चाहता है। वह आज भी असीम संभावनाओं वाला पॉयलट है लेकिन उसके सीनियर ऐसा नहीं मानते।
टॉप गन वास्तव में अख़बार में छपे एक लेख से प्रेरित होकर बनाई गई थी। सन 1983 में कैलिफोर्निया के एक अख़बार में टॉप गन्स शीर्षक से एक लेख छापा गया था। लेख में नौसेना के साथ कार्य करने वाले फाइटर पायलट्स के जीवन के बारे में बताया गया था। नौसेना के ज़हाज़ों से उड़ान भरने वाले इन पायलट्स के जीवन पर टॉप गन में विस्तार से चित्रण किया गया था। वह दौर अमेरिका के उत्थान का दौर था। अमेरिका का सैन्य अश्वमेध यज्ञ सफल हो रहा था।
सेना के कारनामों ने एक आम अमेरिकी को गर्व से भर दिया था। ऐसे दौर में रिलीज हुई इस फिल्म ने आय के नए कीर्तिमान स्थापित किये । टॉम क्रूज़ बहुत बड़े स्टार बन गए और ये फिल्म उनके लिए मील का पत्थर सिद्ध हुई। फिल्म का पहला भाग बनाने वाले फिल्म निर्देशक टोनी स्कॉट का सन 2012 में निधन हो गया था। फिल्म का दूसरा भाग निर्देशक जोसेफ कोसिनस्की ने निर्देशित किया है। जोसेफ पूर्व में ट्रोन : द लिजेसी जैसी साइंस फिक्शन का निर्माण कर चुके हैं।
तीन वर्ष बाद किसी फिल्म का दूसरा भाग बनाना बहुत कठिन होता है। वह भी उस अभिनेता के साथ, जिसने मूल फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी और अब वह साठ वर्ष का होने जा रहा है। हालांकि आयु का असर टॉम क्रूज़ के चेहरे पर अब भी नहीं दिखाई देता। उनकी फिटनेस कमाल की है। उनके समकालीन अभिनेता मोटे और गंजे हो चुके हैं। टॉप गन के दूसरे भाग में टॉम क्रूज़ ने प्रयास किया है कि फिल्म को वही से शुरु किया जाए, जहाँ से उन्होंने तीन दशक पूर्व इसका अंत किया था।
सेवानिवृति के करीब पहुँच चुके मेवरिक के मन में अब भी देश के लिए लड़ने की इच्छा है। मेवरिक के आंतरिक युद्ध को टॉम क्रूज़ ने सुंदर ढंग से परिलक्षित किया है। वाल किल्मर, जेनिफर कोन्नेली, केली मेकगिल्स ने यथाशक्ति टॉम का साथ दिया है। लगभग दो घंटे की ये फिल्म बोर नहीं करती। चुस्त स्क्रीनप्ले इसे गति देता है। ज़मीन से हज़ारो फ़ीट ऊपर आकाश में विमानों के स्टंट बहुत प्रभावशाली ढंग से फिल्माए गए हैं।
ऐसा लगता है कि हम वास्तविक उड़ान देख रहे हो। विमान की उड़ान व लड़ाई के दृश्यों में वास्तविकता लाने के लिए पैरामाउंट पिक्चर्स स्टूडियो ने अमेरिकन नौ सेना की पेशेवर सेवाएं ली थी। हालांकी टॉम क्रूज़ को विमान के कंट्रोल्स छूने की आज्ञा भी नहीं थी। वे केवल बोईंग एफ/18 सुपर हॉर्नेट प्लेन में बैठ सके थे। इस विमान की एक घंटे की सेवाओं के लिए प्रोडक्शन को बारह हज़ार डॉलर का भुगतान करना पड़ा था।
स्टंट के दृश्य फिल्म की यूएसपी है। विशेष रुप से क्लाइमैक्स रोमांच की सीमाएं पार कर देता है। ये फिल्म सपरिवार देखने योग्य है। ये फिल्म सिखाती है कि आप उम्र के किसी भी दौर में वापसी कर सकते हैं। बस आपको मजबूत इच्छा शक्ति चाहिए होती है।