YouTube के पिछले कुछ महीनों के परर्फार्मेंस रिपोर्ट के अनुसार ISD के NRI दर्शक, बुजुर्ग दर्शक और महिला दर्शक कम हो रहे हैं, जबकि भारतीय युवाओं (18-37 आयु वर्ग) की संख्या बढ़ी है।
असल में सबसे अधिक यथास्थितिवादी यही वर्ग है, जो यह मानकर चलता है कि कोई तारणहार उसे उबारेगा, इसलिए यथास्थिति को बनाए रखना जरूरी है। फिलहाल इस वर्ग को प्रधानमंत्री मोदी में तारणहार नजर आ रहा है, जिस कारण वह उनकी हिंदू विरोधी नीतियों को भी पढ़ना, सुनना नहीं चाहता और समस्या से आंखें चुरा कर ‘मुर्गी’ की तरह सिर झुकाए यह सोचता है कि सब समस्या काल्पनिक है, झूठी है।
प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में सबसे बड़ा हिंदू वर्ग यही है, जो समस्या से आंख मिलाने को तैयार ही नहीं है! आश्चर्यजनक समानता देखिए कि कभी गांधी का समर्थन भी महिलाएं, बुजुर्ग और विदेश में बसे भारतीय ही कर रहे थे!
दंगों पर आई विभिन्न रिपोर्ट यह दर्शाती है कि हिंसा या दंगा होने पर सबसे अधिक प्रभावित भी महिलाएं, बुजुर्ग और अपने देश से दूर बसे NRI ही होते हैं। यानी उनका जीवन खतरे में होता है, लेकिन वो यथास्थिति बनाए रखने के पक्षधर होते हैं! है न कमाल का विरोधाभास!