फेक न्यूज पर केंद्र सरकार के कदम पीछे खींच लेने के बाद भाजपा के एक नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में फेक न्यूज और सरकारी विज्ञापनों के खिलाफ एक याचिका दायर की है। अश्विनी उपाध्याय ने पिछले शनिवार को याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने की तारीख पक्की कर दी है। सुप्रीम कोर्ट 4 मई को इस मामले की सुनवाई करेगी।
मुख्य बिंदु
* पेड न्यूज तथा राजनीतिक विज्ञापन पर चुनाव आयोग का प्रस्ताव लागू करने की मांग
* उपाध्याय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 4 मई को करेगा मामले की सुनवाई
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में बढ़ती फेक न्यूज की संख्या को देखते हुए इस पर लगाम लगाने का प्रयास किया था। मंत्रालय ने फेक न्यूज छापने और उसे प्रसारित करने वाले पत्रकारों की पीआईबी एक्रेडिएशन निलंबित और निरस्त करने पर विचार करने के लिए 10 सदस्यीय एक समीति बनाई थी। लेकिन पत्रकारों और मीडिया समूहों के विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री ने मंत्रालय से वह प्रस्ताव तत्काल वापस लेने का निर्देश जारी कर दिया। उनके निर्देश पर वह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। लेकिन देश में पेड न्यूज पत्रकारिता के लिए घातक साबित हो रही है।
इसी के मद्देनजर भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में पेड न्यजू के खिलाफ याचिका दी है। अपने 82 पेजों की याचिका में उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है। उन्होंने पेड न्यूज और राजनीतिक विज्ञापन को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग तथा भारतीय विधि आयोग के प्रस्ताव को लागू करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया है।
URL: The Supreme Court has filed a petition seeking direction to the Center on Fake News!
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