कुर्मी विनीत पटेल। आपको याद होगा २०१९ में जब एंटी-सीएए प्रोटेस्ट के नाम पर पूरे भारत देश में जिहादी मुसलमानों द्वारा दंगे-फसाद कर रहे थे और जगह-जगह शाहीन बाग़ बनाये जा रहे थे तब आपने देखा होगा बीजेपी और आरएसएस का शीर्ष नेतृत्व इन जिहादी मुसलमानों पर कार्यवाही करने असमर्थ रही थी और जिसके परिणाम स्वरुप दिल्ली के सीलमपुर और ज़ाफ़राबाद में दंगे होते है और ५७ वीर हिन्दू मारे जाते है और बीजेपी की नाक के नीचे जेएनयू, एमयू, जामिआ मिलिया इस्लामिया, जाधवपुर आदि जैसे विश्वविद्यालयों में खुलेआम हिन्दू-विरोधी नारे लगाए गए तथाकथित हिन्दू हृदय सम्राट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ नहीं किया।
भारत में जब कॅरोना वायरस आया तब तब्लीगी जमात ने कॅरोना वायरस को फ़ैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और तब्लीगी जमात कॅरोना वायरस को फ़ैलाने में सुपर स्प्रेडर का काम किया और ये सब तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के कहने पर हुआ| ये वही मौलाना साद है जिससे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मिलने जाते और उसके बाद मौलाना साद फरार हो जाता है। क्या भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के कहने पर मौलाना साद को गिरफ्तार नहीं किया गया?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) जो की इस्लामिक आतंकी संगठन है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) का एक मात्र उदेश्य भारत को २०४७ तक एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इसके तालिबान,अल क़ाएदा, हमास आदि जैसे इस्लामिक आतंकी संगठनों से अच्छे सम्बन्ध है। पीएफआई की दो विंग्स भी है:-
१. राष्ट्रीय महिला मोर्चा (NWF),
२. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)
पीएफआई का राष्ट्रीय महिला मोर्चा (NWF) दक्षिण भारतीय राज्यों में गैर-मुस्लिम महिलाओं का जबरन धर्मांतरण करने का काम खुलेआम कर रही है और वहीं दूसरी तरफ कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) देश के अलग-अलग हिस्सों में स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्र और छात्राओं की मदद से दंगे-फसाद कराने के आरोप लगते रहे है। कर्णाटक में हुए हिजाब विवाद पीएफआई के राष्ट्रीय महिला मोर्चा (NWF) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) का संयुक्त ऑपरेशन था।
पीएफआई दक्षिण भारतीय राज्यों में २०१२ से लेकर अब तक बीजेपी और संघ परिवार से जुड़े ६५०० से ज्यादा नेता और कार्यकर्ताओं की हत्या कर चूका है| २०१४-१५ में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के भर्ती करने में पीएफआई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पीएफआई को टर्की, क़तर, पाकिस्तान, कुवैत, ईरान, पलेस्टाइन, बहरीन, ओमान, सऊदी अरब, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स आदि जैसे इस्लामी देशों का समर्थन प्राप्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) के ऊपर अबतक बैन ना लगाने के पीछे के तीन प्रमुख कारण है:-
१. बहरीन, सऊदी अरब, पलेस्टाइन, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स आदि जैसे इस्लामी देशों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए अवार्ड।
२. भारतीय कारोबारी मुकेश अम्बानी और गौतम अडानी द्वारा क़तर, कुवैत, बहरीन, ओमान, सऊदी अरब, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स आदि जैसे इस्लामी देशों किया गया इन्वेस्टमेंट और बिज़नेस हितो की रक्षा।
३. बीजेपी अपना मुस्लिम वोट बैंक बढ़ाने और अपने आपको सेक्युलर दिखने के लिए और वामपंथी मीडिया और लिबरल्स से सेकुलरिज्म का सर्टिफिकेट लेने के लिए।
इसका ताज़ा उदहारण नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल का हिन्दुओ के आराध्य भगवान् भोले अपमान करने वाले जिहादी मुसलमानों से लड़ना और उन्हें पैगंबर मुहम्मद का वो सच बताया जो ज़ाकिर नाइक जैसा इस्लामिक उपदेशक सालों से चिल्ला-चिल्ला कर हज़ारों लोगों के सामने कहता आ रहा है। नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को बीजेपी ने उसी प्रकार अकेला छोड़ा है जैसे पश्चिम बंगाल में बीजेपी और आरएसएस ने अपने लाखो कार्यकर्ताओं और करोड़ो हिन्दुओ को मरने के लिए छोड़ा था। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालालजी की हत्या करने वाले दो हत्यारों में से एक बीजेपी के माइनॉरिटी सेल का वर्कर भी था जिसका नाम रियाज अटारी है।
बीते कुछ समय में घाटी कुछ घटनाएँ बीजेपी और आरएसएस का कांग्रेस २.० बनने रह पर
१. हैदराबाद में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान तथाकथित हिन्दूहृदय सम्राट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण में उन्होंने कहा को वो मुसलमानों का तुस्टीकरण नहीं तृप्तिकरण करना चाहते है।
२. ज्ञानवापी केस पर आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भगवत द्वारा की गयी टिप्पणी कुछ इस प्रकार है “हिन्दू हर मस्जिद में शिवलिंग ना ढूंढे”।
३. कर्णाटक में बीजेपी कार्यकर्त्ता भाई प्रवीण नतरु की हत्या करने वाले जिहादियों को कर्णाटक की बीजेपी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की।
४. हिन्दू आस्था और गोधरा बलिदान देने वाले ५९ वीर हिन्दुओ का मज़ाक बनाने वाले मुस्लिम कॉमेडियन मुनवर फारुकी के हैदराबाद में होने वाले कार्यक्रम का विरोध करने वाले हमारे बड़े भाई और विधायक टाइगर राजा सिंह का बीजेपी द्वारा पार्टी से निष्कासित करना दिखता है की बीजेपी सिर्फ एक नाम की हिंदूवादी पार्ट है।
५. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल द्वारा नूपुर शर्मा को क्रिंग तत्व कहना|
मेरा सभी हिन्दुओ, बीजेपी और आरएसएस सभी कार्यकर्त्ता भाइयों से ये कहना है की बीजेपी और आरएसएस अपनी विचारधारा बेच चुके और पूरी तरह से सनातन विरोधी और भारत विरोधी ताकतों के आगे लेट चुके है अगर आप लोग इस परिस्थिति को बदलना चाहते है तो आप सभी अपने नेताओ को समझाये अगर वो ना समझे तो बीजेपी और आरएसएस के कार्यक्रमों का बहिष्कार करे उसके लिए हमे बीजेपी को अगर को चुनाव हरवाना भी पड़े तो हरवाओ। ये मत समझो जो बंगाल में हमारे भाइयों के साथ हुआ वो हमारे साथ नहीं हो सकता।
कुर्मी विनीत पटेल
(पूर्व बीजेपी मीडिया प्रभारी, रतलाम मध्य प्रदेश)