अर्चना कुमारी। कोरोना महामारी में भी लोग मुनाफाखोरी करने से बाज नहीं आ रहे । इंसानों की जान से खिलवाड़ करने वाले लोगो की करतूते सामने है। देशभर में कालाबाजारी जोरों पर है और ऐसे लोग जो इंजेक्शन व ऑक्सीजन का स्टॉक करते हैं उन्हें सलाह है कि कफ़न और लकड़ी भी खरीद कर छत पर रख लो , मरने के बाद शायद मिले न मिले।
बहरहाल देश की राजधानी के द्वारका इलाके में एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया गया ,जो जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह अग्निशामक यंत्र (आग बुझाने वाला सिलिंडर) बेच रहे थे। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान विकासपुरी निवासी आशुतोष उर्फ आशु (19) और आयुष (22) के रूप में हुई है।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों के पास से पांच अग्निशामक यंत्र बरामद किए हैं। दरअसल उत्तम नगर थाना में मंहिला गीता अरोड़ा ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित महिला ने बताया कि उसके परिवार का एक सदस्य कोरोना पीड़ित है। जबकि उनको अस्पताल में जगह नहीं मिली। इसके बाद ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा तो सिलिंडर की तलाश शुरू हुई। किसी ने आरोपियों का नंबर दिया।
बाद में सिलिंडर की मोटी रकम में बात तय हो गई। आरोपियों ने रुपये लेने के बाद गीता को अग्निशामक सिलिंडर थमाया और फरार हो गए। इसके बाद में गीता को ठगी का पता चला। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की, जांच करते हुए पुलिस ने बृहस्पतिवार को दोनों आरोपियों को विकासपुरी इलाके से दबोच लिया।
आरोपियों ने बताया कि लोगों को ऑक्सीजन सिलिंडर की इस कदर जरूरत है कि वह ऑक्सीजन सिलिंडर और अग्निशामक यंत्रों में फर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। इसका फायदा उठाकर इन लोगों ने ठगी । दिल्ली की केजरीवाल सरकार पूरी तरह फेल चुकी है और वही कुछ लोग इस बीमारी और मरीजों का फायदा उठाकर दवाइयों की कालाबाजारी करने में कसर नही छोड़ रहे हैं।
इसी तरह बेगमपुर पुलिस ने तीन महिलाओं समेत पांच को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 13 रेमेंडसिवर इंजेक्शन भी जब्त किया हैं। इतना ही नहीं उत्तरी जिला एएटीएस और स्पेशल स्टाफ पुलिस ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (ऑक्सीजन बनाने वाली छोटी मशीन) की काला बाजारी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया ।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 170 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए हैं। बाजार में इनकी कीमत दो करोड़ बताई जा रही है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान विजय नगर, दिल्ली निवासी हिमांशु खुराना (26), शास्त्री नगर निवासी पवन मित्तल (26) और मॉडल टाउन निवासी दो सगे भाई हिमांशु हांडा (34) और आयुष हांडा (28) के रूप में हुई है।
दोनों इस पूरे गोरखधंधे के मास्टरमाइंड हैं। इनके पास से एक ऑडी और एक मर्सिडीज कार भी बरामद हुई है। आरोपी जरूरतमंद लोगों से कंसंट्रेटर के बदले 90 हजार से 1.10 लाख रुपये वसूल रहे थे। इसी तरह गुजरात पुलिस नकली रेमडीसीयवर का कारोबार करने वाले को वडोदरा के पास फार्म हाउस में छापेमारी की तो पुलिस को भी यकीन नही हुआ मगर मुखबिर की सूचना पुख्ता थी पुलिस ने जब मौके पर छापेमारी की तो यहां 1300 नकली इंजेक्शन मिले ।
इस रैकेट में शामिल विवेक महेश्वरी और नीतेश जोशी समेत 5 लोग पकड़े गए जबकि आरोपियों ने कबूला है की अब तक ये लोग 700 इंजेक्शन बेच चुके और निमोनिया रोग में काम आने वाला 150 रुपये का इंजेक्शन रेमडीसीवीयर बना कर बेच रहे थे जिसकी एक इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपये तक वसूल रहे थे। निजामाबाद में इसी तरह रेमडीसीवीर इंजेक्शन की जगह कोरोना पीड़ितों को सेलाइन का पानी बेचा जा रहा था। हैरानी तो तब होगी जब इस गोरखधंधे में डॉक्टर और अस्पताल कर्मी शामिल थे।