समय के साथ तमिलनाडु में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ उठे विवाद का पर्दाफाश होने लगा है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि स्टरलाइट कंपनी के विस्तार को रोकने के लिए हुए हंगामें में विदेशी ताकतों का हाथ था। इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि स्टरलाइट की क्षमता विस्तार पर किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। यहां तक की सभी राजनीतिक दलों के साथ तमिलनाडु व्यापार संगठनों के संघ ने भी क्षमता बढ़ाने की हरी झंडी दे दी थी। इन लोगों ने तो कंपनी की क्षमता दोगुनी करने के साथ साल में 8 लाख टन तांबा पिघलाने के प्रस्ताव का स्वागत किया था। क्योंकि इससे न सिर्फ क्षेत्रीय उद्योग का विकास होता बल्कि प्रदेश का चहुंमुखी विकास होने के साथ नौकरी के नए अवसर भी पैदा होते। फातिमा बाबू और एम कृष्णमूर्ति जैसे पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने स्टरलाइट कंपनी की विस्तार परियोजना के खिलाफ हुए प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
मुख्य बिंदु
* फ्वॉइल वेदांता समूह के प्रतिनिधि समरेंद्र दास ने इलाके का दौरा कर की थी गुप्त मीटिंग
* स्टरलाइट कंपनी के विरोधी नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें विरोध के लिए मदद देने की बात कही थी
सवाल है कि जब सभी राजनीतिक दलों से लेकर व्यापारी वर्ग कंपनी के विस्तार के पक्ष में थे तो इतना बड़ा हंगामा क्यों और कैसे हुआ? इसी का जवाब अब पुलिस के सूत्रों से मिला है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विदेशी ताकतों ने स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को उकसाकर खून खराबा कराया जो स्टरलाइट कंपनी के विस्तार परियोजना के खिलाफ थी। उन्हीं विदेशी ताकतों में से एक का खुलासा समरेंद्र दास के रूप में हुआ है।
समरेंद्र दास लंदन के ‘फ्वॉइल वेदांता समूह’ के प्रतिनिधि हैं। उसने हाल ही में चुपके से थूथुकुडी का दौरा कर स्टरलाइट कंपनी के विरोधी नेताओं के साथ गुप्त बैठक की थी। समरेंद्र ने बैठक में भाग लेने वाले स्थानीय नेताओं से स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ आग को जिंदा रखने के लिए मदद करने का वादा किया था। यह भी खुलासा हुआ है कि उस बैठक में ओडिशा से भी एक व्यक्ति शामिल हुआ था। उसने भी इस प्लांट के विरोध करने के लिए हर प्रकार की मदद करने का वादा किया था। लेकिन नाम याद नहीं होने की वजह से कृष्ममूर्ति ने उसका नाम नहीं बताया। खास बात यह है कि स्टरलाइट कंपनी से जुड़े हर मसले को हाइप देने वाले मीडिया ने दास के दौरे से लेकर गुप्त बैठक तक पर चुप्पी साध रखी थी।
हिंदू मक्कल कैच (हिन्दू पीपुल पार्टी) के मुखिया अर्जुन संपत का कहना है कि दास की मंशा अपनी कंपनी के लाभ के लिए इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास को प्रभावित करना था। उनका कहना है कि सभी प्रकार के औद्योगिक विकास को बाधित करने के लिए इस प्रकार के विदेशी ताकतें अड़ंगा लगाती ही है।
ज्ञात हो कि 24 मार्च 2018 को निर्धारित प्रदर्शन में थूथुकुडी शहर के व्यापारियों के एक तबके ने समर्थन करने का भरोसा दिया। वहां के व्यापारी संगठन के महासचिव टी भास्कर ने कहा कि इस संगठन से जुड़े सारे व्यापारी अपनी दुकान बंद रखेंगे। वहीं तमिलनाडु व्यापार संगठनों ने इस प्रदर्शन का विरोध किया था। इलाके के अधिसंख्य लोग स्टरलाइट कंपनी के विरोध में होने वाले प्रदर्शन के खिलाफ थे। इसके बाद भी प्रदर्शन हुआ और खून-खराबा हुआ। इससे साफ जाहिर है कि प्रदर्शन की आड़ में खून खराबा करने की योजना पहले ही बनी थी। प्रदर्शनकारियों की आड़ में ही अराजक तत्वों ने हंगामा किया था जिससे कई लोग हताहत हुए।
URL: the truth about the sterlite issue in Tamil Nadu?
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