अमेरिका को करोना के बाद उत्पन्न आर्थिक संकट से निकलना है, इसीलिए बड़े पैमाने पर उसे हथियार बेचने हैं। अब बिना युद्ध छिड़े हथियार तो बिकेगा कैसे? इसलिए यूक्रेन को झाड़ पर चढ़ाया, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो अमेरिका ने सैनिक भेजने से मना कर दिया, लेकिन अपने हथियारों का जखीरा वहां उतार कर यूक्रेन से पैसा कमा लिया।
बीबीसी के अनुसार, क़रीब बीस करोड़ डॉलर क़ीमत के हथियार नेटो ने यूक्रेन को भेजे हैं जिनमें जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलें भी शामिल हैं और स्टिंगर एंटी एयरक्राफ़्ट मिसाइलें भी हैं.
इसके अलावा नेटो ने अन्य सदस्य देशों को अमेरिका में निर्मित हथियार यूक्रेन भेजने की अनुमति भी दे दी है. ब्रिटेन ने यूक्रेन को कम दूरी वाली 2 हज़ार एंटी टैंक मिसाइलें दी हैं.
अमेरिका इतना नीच देश है कि नीचता में कोई उसका मुकाबला नहीं कर सकता है। यदि यह युद्ध शीघ्र समाप्त भी होना चाहेगा, तो अमेरिका अपने धंधे के लिए इसे समाप्त इतनी जल्दी नहीं होने देगा।