घटना-1 मलेशिया के कोटा भारु स्थित सेकोलह मेनेनगह केबांगसान के केलेंटन स्कूल में कुरान का पाठ हो रहा था। एसेंबली सत्र के दौरान स्कूल की लड़कियां भी मौलवी की कही आयतें सुन रही थीं। कुरान पाठ के दौरान जैसे ही महिलाओं का संदर्भ आया और महिलाओं की दुर्दशा की कथा लड़कियों ने सुनी उन पर हिस्टीरिया का दौरा पड़ना शुरू हो गया। इस तरह स्कूल की 39 लड़कियां हिस्टीरिया जैसी उन्मादी बीमारी की चपेट में आ गईं। स्कूल की प्रिसिंपल ने इस घटना के बारे में बताया कि जब लड़कियां एसेंबली सत्र के दौरान खुले हॉल में एकत्रित हुए तभी ये घटना हुई। यह घटना तब हुई जब छात्राएं मौलवी से कुरान की आयतें सुन रहीं थी। www.nst.com.my वेबसाइट के मुताबिक शुरु में दो-चार लड़कियों को हिस्टीरिया का दौरा पड़ा। लेकिन इसके तुरंत बाद ही अन्य लड़कियां इसकी शिकार हो गईं। बताया गया है कि इस प्रकार सामूहिक रूप से हिस्टीरिया का दौरा पड़ने का मुख्य कारण कुरान में दी गई वे आयते हैं, जिसे सुनने या पढ़ने से लड़कियां अक्सर इसकी शिकार हो जाती हैं।
घटना-2 बिहार के दरभंगा जिला के हायाघाट प्रखंड के एक घर में ट्यूशन पढ़ाने के दौरान ही 75 साल के मौलवी ने नौ साल की नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव होने के कारण नाबालिग बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे दरभंगा मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। आरोप है कि 75 वर्षीय हाफिज मुजीबुर्रहमान ने मंगलवार की रात को ट्यूशन पढ़ाने के दौरान नाबालिग लड़की को अपना शिकार बनाया। बाद पुलिस ने आरोपी हाफिज को गिरफ्तार कर लिया है।
ये दोनों घटनाएं अलग-अलग जगहों की हैं, इसमें समानता बस इतनी है कि दोनों जगहों पर हुई घटनाएं मुसलिम मजहब से जुडीं हुई हैं। अब सवाल है कि स्कूल में छात्राओं पर हिस्टीरिया का दौरा पड़ने का और एक नाबालिग से मौलवी का दुष्कर्म का कुरान से क्या लेना देना है? इस संदर्भ में जेहाद वाच वेबसाइट ने औरतों के संबंध में कुरान की जो व्याखा की है, उसे पढ़ सकते हैं:-
* कुरान स्पष्ट रूप से सिखाता है कि पुरुष हमेशा ही महिला से उच्च होता है। इसलिए जिस महिला से उसे अवज्ञा का भय हो उसे पीटना चाहिए। पुरुष का महिलाओं पर पूरा अधिकार है क्योंकि अल्लाह ने पुरुषों को महिला से बेहतर बनाया है तथा पुरुष अपने खर्च पर महिलाओं को पालता है। इसलिए अच्छी महिलाएं आज्ञाकारी होती हैं। कुरान में लिखा है कि पुरुष ही महिलाओं के अनदेखे हिस्से की रक्षा करता है क्योंकि अल्लाह ने ही उन्हें रक्षा के लिए भेजा है। इसलिए जिससे भी अवज्ञा का डर हो उसे डांटो और फिर उसे बिस्तर पर ले जा कर पीटो। (कुरान- 4:34)
* कुरान ने महिलाओं को एक खेत की तरह बताया है, जिसे पुरुष अपनी इच्छा के अनुरूप उसका उपयोग कर सकता है। कुरान में लिखा है कि तुम्हारी औरत तुम्हारे लिए एक खेत है, इसलिए तुम्हारी जब इच्छा करे अपनी खेत पर जा सकते हो। (कुरान- 2:223)
* अपने किसी पुरुषों को गवाह के रूप में लाएं, यदि दो पुरुष नहीं हो तो फिर एक आदमी और दो महिलाओं को लाएं, ताकि आप जिन दो गवाहों को चुनते हैं उनमें से एक गलती करे तो दूसरी महिला उसे याद दिला सके। (कुरान- 2:282)
* कुरान चार महिलाओं तक से शादी करने के साथ ही गुलाम लड़कियों से सेक्स करने तक की इजाजत देता है। यदि आपको डर है कि आप अनाथों के साथ न्याय करने में सक्षम नहीं हैं, तो अपनी पसंद की महिलाओं से निकाह करो। तुम दो, तीन या चार महिलाओं तक से शादी कर सकते हो। लेकिन अगर तुम्हें डर है कि तुम सभी के साथ न्याय नहीं कर पाओगे तो अपनी मर्जी से एक से ही शादी कर सकते हो। (कुरान 4: 3)
* कुरान ने ही नियम निर्धारित कर रखा है कि परिवार की संपत्ति में बेटे का हिस्सा बेटियों की तुलना में दो गुना होगा। कुरान में कहा गया है कि अल्लाह तुम्हें अपने बच्चों की विरासत के संबंध में निर्देश देता है कि बेटे और बेटियों के बीच संपत्ति का हिस्सा दो अनुपात एक रखो। (कुरान-4:11)
* कुरान मासिक धर्म शुरू होने से पहले भी लड़कियों की शादी करने की मंजूरी देता है साथ ही इसलामिक तलाक की प्रक्रिया उन लड़कियों पर लागू होगी जिसका अभी तक मासिक धर्म शुरू भी नही हुआ है। (कुरान 65:4)
इसलाम में औरतों की स्थिति से संबधित अन्य खबरों के लिए पढें:
कहते हो इसलाम में हलाला नहीं है तो फिर पैगंबर साहब ने यह क्या कहा है?
नोट: कुरान की इस व्याख्या पर हमारा अपना कोई नजरिया नहीं है,www.jihadwatch.org वेबसाइट पर जो कुरान की व्याख्या की गई है यह उसी का अनुवाद है। मूल लिंक पर जाने के लिए क्लिक करें!
URL: The World of Fatwas or the Sharia in Action through rape love jihad-3
Keywords: Female student starts screaming after Quran recitation, mass hysteria breaks out in Malaysia,
Malaysia, Quran recitation, History of islam, know about islam, Women’s Rights in Islam, मलेशिया, कुरान पाठ, इस्लाम का इतिहास, इस्लाम के बारे में जानें, इस्लाम में महिलाओं के अधिकार,