कायर ,कमजोर ,नपुंसक नेता , भरे हुये सभी दल में ;
सबसे घटिया अब्बासी-हिंदू , मार कुंडली बैठा पद में ।
न ये कोई हिम्मत करता , औरों को न करने देता ;
शाहीन-बाग से डर के मारे , रोड-जाम में रोता रहता ।
संसद के कानून ले वापस , बीच सड़क घिर जाता है ;
कतर-कुवैत से भुनगों के आगे , लंबलेट हो जाता है ।
हिंदू – मंदिर को ध्वस्त कराता , गलियारा बनवाता है ;
मंदिर की दिव्यता नष्ट कर रहा , तफरीहगाह बनवाता है ।
स्टॉकहोम- सिंड्रोम से पीड़ित , जेहादी से डरता है ;
तुष्टीकरण से आगे जाकर , तृप्तीकरण को करता है ।
देश संभाले नहीं संभलता , केवल नौटंकी करता है ;
सख्त कदम लेने से डरता , शांति का मजहब कहता है ।
चिकनी – चुपड़ी मीठी – बातें , हिंदू को मूर्ख बनाता है ;
विकल्पहीन हिंदू को समझे , उसके वोट लूटता है ।
विकल्पहीन अब नहीं है हिंदू ,”नोटा” का ठोस विकल्प है ;
कट्टर – हिंदू सरकार बनाना , हिंदू का संकल्प है ।
दलों का दलदल छोड़ रहा है , हिंदू सच को जान रहा है ;
पार्टीबाजी छोड़के हिंदू , अपना हित पहचान रहा है ।
हिंदू – हित की रक्षा केवल , हिंदू – राष्ट्र ही कर पायेगा ;
“हिंदू का ब्रह्मास्त्र” है “नोटा” , अब्बासी-हिंदू जायेगा ।
हिंदू वोट उसी को देगा , जो भी कट्टर – हिंदू हो ;
किसी भी दल का या निर्दल हो , केवल कट्टर – हिंदू हो ।
जब न मिले ऐसा प्रत्याशी या फिर एक से ज्यादा हो ;
हिंदू केवल “नोटा” करना , दुश्मन को न फायदा हो ।
या तो जीते कट्टर- हिंदू या चुनाव ही निरस्त हो ;
यही सूत्र है विजय तुम्हारी , धर्म कभी न अस्त हो ।
चाहे जितने चुनाव निरस्त हों , कोई चिंता की बात नहीं ;
जो भी जीतेंगे कट्टर – हिंदू , उनसे होगी घात नहीं ।
उनकी ही सरकार बनेगी , पूरी – पूरी हिंदू – वादी ;
तब ही हिंदू सम्मान पायेगा , पूरी – पूरी आजादी ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , कानून का शासन आयेगा ;
जस का तस कानून हो लागू , पूर्ण-सुशासन आयेगा ।
गंदी – राजनीति न होगी , धर्म – नीति से राज्य चलेगा ;
सर्वश्रेष्ठ है हिंदू – शासन , विश्व शांति पायेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”