अपराधी गिरोह जितने गुंडों के , सही राह पर लाना है ;
कानून का शासन चुस्त-दुरुस्त हो , अत्याचार मिटाना है ।
भ्रष्टाचार है इसकी जड़ में , राजनीति में अपराधी हैं ;
कानून की हद में इनको लाओ , जो नेता अपराधी हैं ।
मानवता के यही शत्रु हैं , हर अपराध कराते हैं ;
सफेदपोश ये ही अपराधी , मानव – धर्म मिटाते हैं ।
अच्छे से ये बात समझ लो,कानून का कोई विकल्प नहीं है;
सर्वश्रेष्ठ कानून का शासन , धर्म का भी मंतव्य यही है ।
धर्म – सनातन न्याय का शासन , भेदभाव का दुश्मन है ;
मानव – मानव में भेद करे जो , मानवता का दुश्मन है ।
जात-पांत , मजहब मत देखो , कानून में सभी बराबर हैं ;
भेदभाव इनमें जो करते , अपराधी से बदतर हैं ।
भारत का दुर्भाग्य यही है , ऐसे नेता भरे हुये हैं ;
तुष्टीकरण बढ़ाते जाते , आरक्षण में पड़े हुये हैं ।
सबसे बड़े यही अपराधी , मानवता के दुश्मन हैं ;
अल्पसंख्यकवाद बढ़ाने वाले , ये सब राष्ट्र के दुश्मन हैं ।
बुद्धि शुद्ध हो हर हिंदू की , इनको ठीक से पहचानो ;
सबसे बड़े यही अपराधी , इनका असली मकसद जानो ।
केवल अपने लिये ये जीते , पूरे राष्ट्र का खून ये पीते ;
नौटंकी करने में माहिर , राजनीति लाशों पे करते ।
क्या कश्मीर है? क्या बंगाल है? मोपला जैसे कांड कराते ;
धर्म से इनको कुछ न मतलब , जगह-जगह मंदिर तुड़वाते ।
अब राजनीति से इन्हें हटाओ , चरित्रवान ही नेता लाओ ;
यूपी या आसाम से लाकर , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , सारे एक बराबर होंगे ;
सारे मजहब सही राह पर , बर्बर-हत्यारे जेल में होंगे ।
भारत में गजवायेहिंद , हर हाल में इसे रोकना है ;
एकमात्र बस मार्ग यही है , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”