अर्चना कुमारी। केंद्र सरकार मणिपुर में जारी हिंसा को रोकथाम करने में असफल साबित हुई है। मणिपुर में शांति कायम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के अनुपस्थिति में खास सिपहसालार तथा देश के गृह मंत्री अमित शाह सर्वदलीय बैठक बुलाई लेकिन मीटिंग में कोई खास नतीजा नहीं निकला और सारा दारोमदार गृह मंत्री पर है कि वह क्या फैसला लेते हैं।
लेकिन विपक्षी दलों ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन होना चाहिए हालांकि इस बैठक से विपक्ष के प्रमुख नेता शरद पवार ने दूरी बनाई । शनिवार को संसद भवन में अमित शाह की अध्यक्षता में सर्वदलीय मीटिंग हुई जिसमें सर्वदलीय बैठक में टीएमसी ने मांग की है कि अगले एक सप्ताह में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल मणिपुर भेजा जाए।
टीएमसी ने बैठक में दावा किया कि केंद्र सरकार के तरफ से इस मामले को काफी हल्के में लिया जा रहा है और प्रशासन अनदेखी कर रहा है।मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने अपना बयान जारी किया है। तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि एक हफ्ते में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए। बैठक में समाजवादी पार्टी ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की और इसी तरह अन्य विपक्षी नेताओं ने केंद्र पर शांति कायम रखने में विफल होने का आरोप लगाया।
मणिपुर हिंसा को लेकर सर्वदलीय बैठक करीब तीन घंटे चली। इस बैठक में कई मामलों पर बातचीत हुई।मणिपुर हिंसा पर बुलाई गृहमंत्री की बैठक में विपक्ष ने मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को पद से हटाने की मांग की।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मणिपुर स्थिति पर सर्वदलीय बैठक के बाद राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा पूरा विपक्ष यहां तक कहने लगा कि जो व्यक्ति मणिपुर प्रशासन का नेतृत्व कर रहा है, उस पर कोई भरोसा नहीं है।
जब तक वह व्यक्ति प्रभारी नहीं है, आपको शांति नहीं मिल सकती। मणिपुर पर चली सर्वदलीय मैराथन बैठक को लेकर लगभग 30 दलों के नेता और प्रतिनिधि हुए शामिल। सरकार ने रखा अपना पक्ष और कहा कि करीब 80 किलोमीटर मणिपुर म्यांमार बॉर्डर की की जा रही है तारबंदी, म्यांमार से आने वाले लोगों का बायोमेट्रिक भी लिया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि 13 जून के बाद मणिपुर हिंसा में नहीं गई है किसी की भी जान, हिंसा को रोकने के लिए किया जा रहा है प्रयास,राजनीतिक दलों की तरफ से मणिपुर प्रतिनिधिमंडल भेजने की रखी गई है मांग, अंतिम फैसला लेंगे गृहमंत्री अमित शाह।
गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा को लेकर मैती समाज काफी डरा हुआ है क्योंकि नागा और कुकी उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। यहां सारा बवाल तब शुरू हुआ जब इस समाज को आरक्षण देने की बात कही गई थी और इसके बाद से कुकी समुदाय उन्हें लगातार टारगेट कर रहे हैं ,जिसके बाद उन्होंने जंतर-मंतर तक प्रदर्शन किया था लेकिन अब तक वहां पर शांति के कोई ठोस उपाय दिखाई नहीं देते जिसके बाद वहां रहने वाले लोगों का हो जान माल का खतरा महसूस हो रहा है।