संजय दत्त और प्रतीक बब्बर में इतनी ईमानदारी तो थी कि उन्होंने इस बुरी लत को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया। प्रतीक बब्बर ने बताया है कि उन्हें 13 साल की आयु से ड्रग्स की लत पड़ गई थी। पिता राज बब्बर ने उन्हें अमेरिका में एक रिहेब सेंटर में रखा, जहाँ उनसे एक पेपर पर लिखी ड्रग्स पर टिक लगाने को बोला गया। प्रतीक ने सभी ड्रग्स पर टिक लगा दी थी। ऐसी कोई ड्रग्स नहीं बची थी, जिसका सेवन उन्होंने न किया हो। फिल्म उद्योग एक गटर है या नहीं, इस पर बहस हो सकती है लेकिन फिल्म उद्योग कई वर्षों से नशे की लत में जकड़ा हुआ है, ये अकाट्य तथ्य है।
उन पर उंगलियां क्या उठी, उन्हें याद आया कि हम कलाकार हैं और हमारे साथ सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। आज देश बॉलीवुड से कई सवालों के जवाब मांग रहा है लेकिन देश को आँखें दिखाई जा रही हैं। क्या हिन्दी फिल्म उद्योग का इतिहास इतना साफ़-सुथरा है कि जया बच्चन सरकार से इस मामले में मदद मांग सके।
2015 में ये खबर तेज़ी से फैली कि सुपर स्टार शाहरुख़ खान की पत्नी गौरी बर्लिन एयरपोर्ट पर गिरफ्तार हुई थी। उन पर आरोप था कि वे अपने साथ प्रतिबंधित ड्रग मारिजुआना लेकर यात्रा कर रही थीं। ये खबर जितनी तेज़ी से फैली, उतनी तेज़ी से दबा भी दी गई। जिस वेबसाइट पर वह खबर थी, उसे भी हटा दिया गया।
बाद में गौरी ने बयान दिया कि ये फेक खबर थी और वे ड्रग एडिक्ट नहीं हैं। गौरी का मामला विदेश का था इसलिए आसानी से दबा दिया गया। गौरी जैसा भाग्य संजय दत्त, प्रतीक बब्बर, विजय राज, गीतांजली नागपाल, मनीषा कोइराला और सुजैन खान जैसा नहीं था।
फिल्म उद्योग के और अतीत में जाएंगे तो हमें परवीन बाबी मिलेगी। उस दौर में परवीन बॉबी को फिल्म उद्योग में एलएसडी का नशा सहज ही उपलब्ध था, फिर सोचने वाली बात है कि आज तो फिल्म उद्योग ड्रग्स के मामले में मोक्ष प्राप्त कर चुका होगा। विनोद खन्ना के बेटे साक्षी खन्ना का नाम शायद ही किसी ने सुना होगा।
साक्षी मुंबई की एक रेव पार्टी से गिरफ्तार हुआ था। शक्ति कपूर का बेटा सिद्धांत कपूर 2008 में ड्रग रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अभिनेता सूरज पंचोली की बहन साना पंचोली एक रेव पार्टी से गिरफ्तार हो चुकी है। सूरज पंचोली भी एक ड्रग एडिक्ट रह चुका है। अभिनेत्री प्रिटी जिंटा भी एक समय कोकीन के नशे में पड़ गई थी।
अर्जुन रामपाल और ऋत्विक रोशन की पूर्व पत्नी सुजैन रिलेशनशिप में थे। कहा जाता है कि इसी रिश्ते के बाद ऋत्विक और सुजैन के रिश्ते में दरार आ गई थी। अर्जुन को मारिजुआना और सुजैन को कोकीन की लत थी। इसी लत के कारण उनका अफेयर शुरू हुआ था। अभिनेता आफ़ताब शिवदासानी पुणे के एक नाइट क्लब में ड्रग्स सेवन करते हुए पकडे गए थे। प्रमोद महाजन के बेटे राहुल महाजन को कैसे भूल सकते हैं।
बॉलीवुड से नजदीकियों ने उसे कोकीन का लती बना दिया था। क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी के अभिनेता पुत्र अंगद बेदी को मुंबई की एक रेव पार्टी में गिरफ्तार किया गया था। रॉक स्टार यो यो हनी सिंह लम्बे समय तक ड्रग्स और वोडका के एडिक्शन में रहे। उनको ठीक होने के लिए रिहेब सेंटर में भर्ती होना पड़ा।
संजय दत्त, फरदीन खान, मनीषा कोइराला को भी इस लत से छुटकारा पाने के लिए रिहेब सेंटर जाना पड़ा। जो आज कह रहे हैं कि बॉलीवुड को बदनाम किया जा रहा है, वे ज़रा बॉलीवुड का नशीला इतिहास भी देख लें। जया बच्चन ने सदन के पटल पर सरकार से बॉलीवुड को बचाने के लिए मदद मांगी है।
क्या फिल्म उद्योग की गंदगी साफ़ कर सरकार उसकी मदद नहीं कर रही। कितने ड्रग पैडलर गिरफ्तार हुए हैं, जो फिल्म उद्योग में ड्रग्स की डिलीवरी करते थे। क्या सरकार का ये कदम फिल्म उद्योग को नहीं बचाएगा जया जी।
ऊपर के किस्से पढ़ने के बाद आप समझ पाए होंगे कि बॉलीवुड पर केंद्र सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक कुछ लोगों को पच क्यों नहीं रही है। जो लोग इस बात को लेकर मीडिया और सरकार पर हमलावर हैं, उनके खुद के घरों में ड्रग्स ने आग लगाई हुई है।
वे खुद अल्कोहलिक हैं और सार्वजनिक रूप से तमाशे करते दिखाई दिए हैं। दरअसल हाई ड्रग्स बॉलीवुड की जीवन पद्धति बन चुकी है। यदि बॉलीवुड में इस समय ड्रग्स की सप्लाई बंद कर दी जाए तो आधा बॉलीवुड देश छोड़कर वहां बस जाएगा, जहाँ मारिजुआना और एलएसडी आसानी से उपलब्ध है।
कुछ लोग बॉलीवुड छोड़कर जा भी चुके हैं। क्या ये इस बात का संकेत है कि बॉलीवुड के छुपे हुए इनर सर्कल में ड्रग्स का टोटा पड़ चुका है। इस समय देश के लिए बॉलीवुड सबसे प्रासंगिक विषय बन चुका है, जानते हैं क्यों। क्योंकि जब लोग अपने जिद्दी युवा बच्चे को बॉलीवुड में किस्मत आजमाने के लिए बेमन से भेंजेंगे तो उनके मन में ये खौफ हमेशा कायम रहेगा कि मेरा बेटा सुशांत सिंह राजपूत न हो जाए।