संदीप देव। पांच साल पहले का यह साक्षात्कार व पोस्ट आज फेसबुक ने निकाल कर दिया! 👇
जिस अखबार में आप 8 साल रिपोर्टर रहे हों, एक दिन वह आपका साक्षात्कार छापे फिर खुशी तो होती है!
मैने दैनिक जागरण में 8 साल तक रिपोर्टिंग की है। मैं दूसरों का साक्षात्कार जागरण के लिए लेता था। आज दैनिक जागरण के बिहार संस्करण ने जब मेरा साक्षात्कार लिया और छापा है, तो थोड़ा आश्चर्य, थोड़ी खुशी हो रही है!
मुझे याद है जब मेरी पुस्तक ‘कहानीकम्युनिस्टोंकी’ पहली बार जागरण-नीलसन के बेस्ट सेलर सूची में आयी तो जागरण के संपादक संजय भैया (जागरण के संपादक संजय गुप्त जी को हम सब ऐसे ही संबोधित करते थे) ने कहा, ‘मुझे आश्चर्य है कि तुम कहां से कहां पहुंच गये?’
ऐसे ही ‘नयीदुनिया’ अखबार में पांच साल काम किया। मेरी नयी किताब ‘राज-योगी’ का लोकार्पण करते हुए सार्वजनिक मंच से मेरे तब के संपादक आलोक मेहताजी ने कहा, ‘हमारे साथ एक हीरा काम कर रहा था, मैं ही पहचान नहीं पाया।’
मैं यह इसलिए लिख रहा हूं कि जब आप सत्यनिष्ठा से केवल कर्म करते हैं तो ईश्वर देखता रहता है! और हां, ईश्वर देखेगा, यह भाव भी छोड़ना पड़ेगा! यही निष्काम कर्म है!
दैनिक जागरण ई-पेपर लिंक:- http://epaper.jagran.com/mpaper/11-feb-2018-84-edition-Patna-Nagar-Page-28.html
Sandeep Kumar Deo