अंतिम मार्ग यही जीवन का
हिंदू का दुश्मन वो हिंदू , चरित्रहीन जो भ्रष्टाचारी ;
यही तो हैं अब्बासी – हिंदू , पूरे – पूरे व्यभिचारी ।
रग – रग में इनके मक्कारी , इनकी है गुंडों से यारी ;
हिंदू – धर्म मिटा देने को , जाने कितने की मिली सुपारी ?
दुनिया भर के पुरस्कार हैं , हिंदू – धर्म के दुश्मन को ;
नोबेल प्राइज भी मिल सकता , हिंदू के इस दुश्मन को ।
लगभग पूरा होने वाला , अब्राहमिक ग्लोबल एजेंडा ;
अबकी बार जो सत्ता पाया , हिंदू का कट सकता मुंडा ।
थोड़ा समय बचा है केवल , एक बरस से भी है कम ;
हिन्दू ! पूरी साजिश समझो , कतई नहीं बचेंगे हम ।
हर हालत में हमें समझना , शत्रु – मित्र का क्या है भेद ;
कौन शत्रु है ? कौन मित्र है ? समझ न पाया हिंदू भेद ।
नाटक-नौटंकी में फंसा है हिंदू , कालनेमि को न पहचाना ;
क्या तुमने ये तय कर रखा ? हर हालत में गला कटाना ।
गला नहीं यदि तुम्हें कटाना,अब्बासी हिंदू को ठीक से जानो
इसके पूरे इतिहास को जानो,तब ही तुम सच बात को मानो
क्रियाकलाप अब भी जितने हैं, सब के सब हैं धर्म-विरोधी ;
आंख खोल कर देखो इसको , पूरा-पूरा कामी-क्रोधी ।
अब भी अगर न हिंदू संभला , अपनी चिता सजा लेना ;
तेरा क्या है ? उमर कट गयी , बच्चों की चिंता कर लेना ।
अपना परिवार अगर है प्यारा , पूरी तरह सजग हो जाओ ;
सोच समझकर वोट को देना व अच्छी सरकार बनाओ ।
जब तक अच्छी सरकार न होगी,कानून का शासन न होगा
अत्याचार सहेगा हिंदू , केवल गुंडा-राज ही होगा ।
अब तक कोई नहीं था ऐसा , अच्छा शासन जो दे पाये ;
सारे ही दल नाकाबिल थे , देश-प्रेम तक जिन्हें न भाये ।
कायर,कमजोर,नपुंसक नेता , उनको केवल सत्ता प्यारी ;
सत्ता का लालच है इतना , देश से करते हैं गद्दारी ।
हमें चाहिये अब ऐसा दल , सत्यनिष्ठ हो चरित्रवान ;
देश – प्रेम हो कूट – कूट कर , धर्मनिष्ठ व बुद्धिमान ।
ऐसा ही दल उदय हो रहा , पूरा खरा कसौटी पर ;
“एकम् सनातन भारत” दल आया,इसको कसो कसौटी पर।
धर्म-नीति को बना कसौटी , अबकी इसको कसना है ;
अंतिम – मार्ग यही जीवन का , मानवता को बचना है ।