ये नेता पथभ्रष्ट हो गया , सही राह न पायेगा ;
घिरा हुआ है जेहादी से , गजवायेहिंद करवायेगा ।
पता नहीं ये क्यों है अब तक ? पार्टी से बाहर कर दो ;
धर्म का दुश्मन हुआ हो जो भी,उसको बाहर का रास्ता दो ।
धर्म का दुश्मन,राष्ट्र का दुश्मन, देश का दुश्मन हो जाता है ;
वो तो मानव भी न रहता , बस दानव हो जाता है ।
जो भी दानव हो जायेगा , दानवता ही लायेगा ;
निरपराध मरते ही रहेंगे , धर्म नष्ट हो जायेगा ।
हर हालत में धर्म बचाओ , वरना कुछ भी नहीं बचेगा ;
धर्म बिना मानव शव होगा , पशुतुल्य ही जीवन होगा ।
हमको भारत को स्वतंत्र कराना, अब्राहमिक मत वालों से ;
काले अंग्रेज अभी भी काबिज, पिछले पिचहत्तर सालों से ।
सरकारी – हिंदू , जिम्मी – हिंदू , यही सेक्युलर – हिंदू हैं ;
जेहादी के गुलाम ये सारे , केवल नाम के हिंदू हैं ।
सबसे बड़े ये धर्म के दुश्मन , पक्के धोखेबाज हैं ;
त्रिपुंड लगाकर धोखा देते , पूरे दगाबाज हैं ।
तजे मूर्खता हिंदू सारी , मक्कारों को पहचानो ;
सोशल – मीडिया ज्ञान का सागर , गद्दारों को पहचानो ।
शौर्यवान हो , धर्मनिष्ठ हो , ऐसा ही अब नेता लाओ ;
यूपी या आसाम से लाकर , देश को हिंदू- राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , पूर्ण – स्वतंत्रता पायेगा ;
अब्राहमिक के नागपाश से , भारत मुक्ति पायेगा ।
जड़ें खोदने वाले नेताओं की , खुद की जड़ खुद जायेगी ;
धर्मविरोधी सब लोगों की , अक्ल ठिकाने आयेगी ।
नहीं बचेंगे राष्ट्र के दुश्मन , मानवता बच जायेगी ;
गंदी – राजनीति भारत की , राष्ट्र – नीति बन जायेगी ।
परम – श्रेष्ठ है धर्म – सनातन , सबका ही कल्याण करेगा ;
घर को भूले घर लौटेंगे , उनको पूरा सम्मान मिलेगा ।
सबके जीवन की गारंटी , शांति , सुरक्षा , इज्जत होगी ;
सुख – समृद्धि सभी पायेंगे , सबकी पूरी उन्नति होगी ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”