जिस समय सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त सरगर्मी देखने को मिल रही थी, ठीक उसी समय मुंबई पुलिस को प्रथम दृष्टया जांच में ये महसूस हुआ कि अभिनेता सुशांत की मौत संदेहास्पद है। पुलिस को सुशांत के गले में ‘v शेप का निशान मिला है और उनके होंठ भी काले पड़े हुए थे। पुलिस को ये पहली नज़र में आत्महत्या लग रही है लेकिन वह दूसरे एंगल से भी मामले की जांच शुरू कर चुकी है।
एक अत्यंत प्रतिभाशाली अभिनेता की संदेहास्पद मौत से फिल्म उद्योग स्तब्ध है। वे एक सफल अभिनेता थे और उनकी पिछली ही फिल्म ‘छिछोरे’ ब्लॉकबस्टर रही थी। सुशांत की ज़िंदगी में ऐसा कोई कारण नज़र नहीं आता कि वे आत्महत्या जैसा कदम उठाए। बिना कोई सुसाइड नोट छोड़े सुशांत चले गए। वे इतने निर्मम तो नहीं थे कि जाने से पूर्व आखिरी संवाद अपने परिवार और इस संसार के साथ बिना किये चले जाते।
34 साल का होनहार अभिनेता, जो सफलता के रथ पर सवार था, इस तरह संसार छोड़ जाए, वह भी चुपचाप। सुशांत के पिता, उसका सर्कल और उसे करीब से जानने वाले विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि सुशांत यूँ चुपचाप चले जाएंगे, एक कोहरे में लिपटा सवाल छोड़कर। जिस कलाकार ने अपनी पहली कमाई के रूप में ढाई सौ रूपये पाए थे, जो एक्स्ट्रा के रूप में भीड़ में नाचा करता था। जो ऐसे भयंकर हालात से उठकर एक स्टार बना।
ऐसा कलाकार आत्महत्या कर ले, ये बात कुछ जंचती नहीं। उनका कॅरियर भी अच्छा-खासा चल रहा था। काम बराबर मिल रहा था। ऐसी कोई परेशानी नहीं थी कि इतना बड़ा कदम उठा लिया जाए। रही बात डिप्रेशन के इलाज की तो, ऐसा इलाज बहुत से लोगों का चलता है, ये एक आम बीमारी है। ऐसा शानदार कॅरियर छोड़कर कोई फांसी लगाता है क्या, जब तक कोई ठोस कारण न हो। सबके दिमाग को यही प्रश्न मथ रहा है कि ‘आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया’।
टीवी पर 2008 से 2013 तक काम करने के बाद सुशांत को सन 2013 में पहली फिल्म ‘काई पो छे’ मिली’। ये फिल्म बहुत सफल रही और सुशांत की पहचान एक शानदार अभिनेता के रूप में कायम हो गई थी। ‘एमएस धोनी’ ने उनको स्टारडम दिया। इस फिल्म ने उन्हें वह ऊंचाइयां दी, जिसके सपने वे शुरू से देखा करते थे।
पीके और केदारनाथ के बाद उनका अभिनय और निखर गया था। हाल ही में आई ‘छिछोरे’ ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी। इस फिल्म में सुशांत ने अविस्मरणीय अभिनय किया था। क्या कुछ दिन पहले दिशा सान्याल की आत्महत्या से उनकी इस संदेहास्पद आत्महत्या का कुछ कनेक्शन है। दिशा उनकी मैनेजर थी और सम्भवतः दोनों के बीच कोई भावनात्मक रिश्ता पनप रहा होगा।
सुशांत रविवार की सुबह 6.30 बजे उठे और सामान्य दिनचर्या के तहत जूस पिया था। पिछली रात ही कुछ दोस्त उनसे मिलने आए थे। रविवार की दोपहर वहां बांद्रा के उस घर में क्या हुआ होगा, कोई नहीं जान सकता। आत्महत्या करने से पहले वे कैसी मानसिक अवस्था में रहे होंगे। क्या ये अचानक आया डिप्रेशन का अटैक था या कुछ और बात थी।
हम केवल अनुमान लगा सकते हैं क्योंकि बिना सुसाइड नोट के ये आत्महत्या अब ‘संदेह के घेरे’ में है। पटना स्थित उनके घर पर जैसे ही ये खबर पहुंची, वज्रपात हो गया। उनके पिता ये सुनकर अचेत हो गए। फिल्म उद्योग सकते में आ गया। फिल्म उद्योग में एक माह के भीतर ये तीसरी मौत है। ऋषि कपूर और इरफ़ान खान के बाद सुशांत की जवान मौत ने सबको सदमे में ला दिया है।
सुशांत की आखिरी ‘इंस्टाग्राम पोस्ट’ उनकी मनोदशा को प्रकट करती है। ‘धुंधला अतीत आंसुओं के रूप में वाष्प बनकर उड़ रहा है, मुस्कुराहट को उकेरते असीमित सपने और जिंदगी का ठिकाना नहीं, दोनों के बीच सामंजस्य कर रहा है, मां’। फिल्म उद्योग की इस चमक के पीछे का अकेलापन कभी ‘एकांत’ नहीं बन पाता। कुछ लोग जीवन की निर्ममता को सह नहीं पाते और मृत्यु का मार्ग चुन लेते हैं।
सुशांत का जीवन उन पर कैसे निर्मम हो गया था, इसका जवाब अब कभी नहीं मिलेगा क्योंकि वे बिना कुछ कहे चले गए। ऐसे लोग जो अपनी फिल्मों में ‘आत्महत्या’ से बचने के लिए युवाओं को सन्देश देते हैं, वे वास्तविकता में आत्महत्या कर युवाओं को भला क्या सीख देकर जाते हैं। लड़ते-लड़ते हार जाओ तो मौत का रास्ता चुन लो? सुशांत की ये अदा किसी को पसंद नहीं आई। यदि वास्तव में उन्होंने आत्महत्या की है, तो ये फाउल था मिस्टर सुशांत। थपेड़ों से घबराकर कप्तान जहाज़ से कूदा नहीं करते।