अर्चना कुमारी । पुलिस ने तीन शातिर को धर दबोचा। आरोप है कि तीनों ने पुलिस कर्मी बनकर एक युवक को अगवा कर उसे छोड़ने के एवज में दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। आरोपियों की पहचान साजिद उर्फ फौजी, वकील उर्फ वसीम व तैयबर के तौर पर हुई।
इनके पास से 1,94,000 रुपये, दो मोटरसाइकिलें और फर्जी पुलिस पहचान पत्र बरामद किए गए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि 18 फरवरी को थाना जैतपुर में एक लड़के के अपहरण व फिरौती की मांग को लेकर सूचना मिली। इस तरह की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची, जहाँ शिकायतकर्ता अप्सा बेगम मिली। उसने बताया भतीजे का कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया है। जबकि आरोपी फिरौती के रूप में दो लाख रुपये की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने इस तरह की जानकारी पर केस दर्ज कर जांच शुरू की। बताया जाता है कि इस बीच पीड़िता को दोबारा फोन कर दो लाख रुपये लेकर लोहिया पुल बुलाया। इस पर पीड़िता की मौसी फिरौती की राशि के साथ ऑटो से लोहिया पुल के पास पहुँच गई। पुलिस भी पहले से मौके पर मौजूद थी। इस दौरान महिला ने अपहरणकर्ता को रुपयों से भरा बैग सौंपा, तभी पुलिस ने रुपयों अपहरणकर्ता को पकड़ लिया।
हालांकि, मौके से कुछ दूरी पर मोटरसाइकिल पर सवार दो अन्य अपहरणकर्ता पुलिस टीम को देखकर फरार हो गए। पूछताछ करने पर उनकी पहचान साजिद उर्फ फिरोज निवासी लोनी, उम्र 27 वर्ष के रूप में हुई। इसके बाद उसके दो सह-आरोपियों वकील @ वसीम निवासी शक्ति विहार, दयालपुर, उम्र 27 वर्ष और तैयब्बर अली निवासी लोनी, आयु 49 वर्ष को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही पुलिस ने अपहृत लड़के को छुड़ा परिवार के हवाले कर दिया। अपहरणकर्ताओं ने बताया जब पीड़ित नमाज के बाद बाहर आया तो वे उसके घर से सौरभ विहार की मस्जिद तक गए।
तीनों आरोपियों ने उसे रोका और फर्जी पुलिस आईडी कार्ड दिखाकर अपना परिचय पुलिस अधिकारी के तौर पर दिया। उसके खिलाफ शिकायत मिलने की बात कहते हुए साथ ले गए। लोहिया पुल के पास पहुंच उसे फिरौती के लिए अपनी मां को बुलाने का आदेश दिया। आरोपी साजिद 8वीं तक पढ़ा है। पूछताछ में पता चला हैै कि वह नशे का आदी है। वह बढ़ई का काम करता था।
वह पहले डकैती, आर्म्स एक्ट और चोरी के 3 मामलों में शामिल रहा है। वकील 7वीं कक्षा तक पढ़ा हैं। वह कैब ड्राइवर का काम करता था। वहीं आरोपी तैयब्बर अनपढ़ है। वह दर्जी का काम करता था। इस तरह धनवान बननेे की तीनों इच्छा रखी रह गई और तीनोंं जेल चले गए