तीन-चरण बस बचे हैं बाकी
पूरा-बहुमत होता है घातक , मिली-जुली सरकार बनाओ ;
अधिनायक बनने से रोको , अच्छे-लोगों को चुनाव जिताओ ।
अब्बासी-हिंदू जैसा नेता , अब दोबारा कभी न लाना ;
अब्राहमिक-साजिश से बचना , हमको भारत-वर्ष बचाना ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , परमभ्रष्ट ये देश का द्रोही ;
राष्ट्रीय समलैंगिक संघ , सदा से है ये धर्म का द्रोही ।
हिंदू के सबसे बड़े शत्रु हैं , ये जेहादी के गुलाम हैं ;
जेहादी के तलवे चाटें , यही तो इनका काम है ।
बलात्कार – पीड़िता के वंशज , पूरी – तरह खोखले हैं ;
डीएनए भी जिनका मिलता , समझो पूरे दोगले हैं ।
राजनीति जो इतनी गंदी , केवल ऐसे लोगों के कारण ;
अब्बासी-हिंदू का यही लक्ष्य है,कुछ भी करता नहीं अकारण ।
उल्टे – सीधे भाषण देता , सारी झूठी – बातें हैं ;
अरब-अमेरिका से दुरभि-संधि है , गंदी-साजिश की घाते हैं ।
ज्यादातर संस्थान कर दिये , पूर्ण-प्रदूषित लकवाग्रस्त ;
सेना तक को कर दिया है निर्बल , अग्निवीर से सेना पस्त ।
अंतिम – लक्ष्य यही है इसका , गजवायेहिंद कराना है ;
अब्राहमिक – ग्लोबल – एजेंडा , उसको पूरा करना है ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , वरना पूरी तरह मिटोगे ;
किसी तरह से बचे हो अब तक , पर अब न बच पाओगे ।
अब तक था तेरे सामने दुश्मन , लड़ते आये – बचते आये ;
अब तेरा नेता ही दुश्मन , छुरा पीठ पे खाते आये ।
अब्बासी-हिंदू है तेरा-दुश्मन , हिंदू-नेता बना हुआ है ;
अंदर से खूंखार-भेड़िया , खाल सियार की ओढ़े हुआ है ।
तिलक-त्रिपुंड में छुपाता रहता , अपना ये बदरंगा-चेहरा ;
चेहरे पर चेहरा है इसके , सदा छुपाता असली चेहरा ।
नकली – चेहरा नोंचो इसका , असली – चेहरा देखना है ;
बारीकी से करो निरीक्षण , अब न धोखा खाना है ।
अब धोखा खाने का मतलब , पूरी तरह से मिट जाना ;
अबकी बार जो चूका हिंदू ! दुनिया से है उठ जाना ।
तीन-चरण बस बचे हैं बाकी, हिंदू ! अपने भाग्य को बदलो ;
अब्बासी-हिंदू को धूल चटाकर,हिंदू ! अपना भविष्य संभालो ।
तेजी से ये समय जा रहा , क्षण-क्षण तेरा बहुत कीमती ;
सदुपयोग हो इस अवसर का , धर्म-संस्कृति बेशकीमती ।
बेशकीमती हिंदू – जीवन , कौड़ी बदले व्यर्थ जा रहा ;
अपना – धर्म बचाओ हिंदू ! अब्बासी – हिंदू मिटा रहा ।