अर्चना कुमारी। गणतंत्र दिवस को लेकर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था काफी चाक-चौबंद कर दी गई है। सुरक्षा घेरा मानो ऐसा बनाया गया है कि कोई परिंदा भी पर न मार सके। जमीन से आसमान तक कड़ा पहरा है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर इस बार पहले से अधिक सुरक्षा घेरा बनाया गया है और मुख्य समारोह स्थल तथा आसपास के इलाकों को किले में तब्दील कर राजधानी के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर गहन निगरानी की जा रही है। समारोह में मौजूद एक-एक सुरक्षाकर्मी खिलौना बम, फिदायीन, कार बम तथा बारुदी सुरंगों सहित सभी प्रकार के अन्य संभावित हमलों की आशंका को देखते हुए हर पल सतर्क हैं ।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार परेड राजपथ से नेशनल स्टेडियम तक जाएगी और मुख्य समारोह स्थल पर सुरक्षा बहु स्तरीय होगा। पुलिस के अनुसार इस बार करीब 27 हजार जवानों के साथ साथ 65 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियां तैनात की गई है । प्रत्येक आम तथा खास पर नजर रखने के लिए जहां चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ।
खुफिया एजेंसियों द्वारा हवाई हमले का अलर्ट दिया गया है और इससे निपटने के लिए विमान रोधी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है । इस मौके पर अत्याधुनिक हथियारों के साथ स्वाट की महिला कमांडो, मोबाइल हिट टीम, स्नाइपरों की तैनाती के अलावा वायुक्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए विमान-रोधी उपकरणों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
परेड विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक ही लगभग 3.3 किलोमीटर दूरी तय करेगी जबकि सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रत्येक क्षेत्र को छोटे-छोटे सेक्टर में बांट कर इसकी जिम्मेदारी डीसीपी रैंक के अधिकारी को दी गई है।