अर्चना कुमारी। जहांगीरपुरी में अमन शांति बहाल करने के लिए दाेनाें समुदायाें के लाेग रविवार शाम छह बजे तिरंगा यात्रा निकालकर भाईचारा का संदेश दिया। लेकिन इस यात्रा से क्या हनुमान जयंती शोभायात्रा पर हुए हमले की टीस मिट जाएगी । इस बीच जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली व बंगाल में छह संदिग्धों से पूछताछ की है।
पुलिस का दावा है कि घटना के वक्त ये जहांगीरपुरी में मौजूद थे और गिरफ्तारी के भय से फरार हो गए थे। सूत्रों का दावा है कि उनकी भूमिका अगर हिंसा में थी तब उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है । उधर, जहांगीरपुरी हिंसा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्य आरोपी और घटना के मास्टरमाइंड मोहम्मद अंसार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया और अपनी तरफ से जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब हो कि इसके लिए पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने ईडी को पत्र लिखकर हिंसा में शामिल अंसार तथा कुछ अन्य आरोपियों की संपत्ति की जांच की मांग की थी। पुलिस आयुक्त ने मामले में अपने अधिकारियों द्वारा किए गए प्रारंभिक निष्कर्षों और उनके द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का हवाला दिया । जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस बाबत कार्यवाही किया।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार शुरूआती जांच के दौरान यह सामने आया है कि अंसार के कुछ वित्तीय लेन-देन हैं और उसके पास कई संपत्तियां भी हैं ,जिन्हें कथित तौर पर अपराधिक तरीके तथा इससे कमाए गए रुपए – पैसे से खरीदा गया था। ईडी से घटना में शामिल सभी आरोपी खासकर अंसार से पूछताछ करने और उनके वित्तीय लेनदेन की जांच करने की उम्मीद है।
इसे मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है। ज्ञात हो कि जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस अब तक दो नाबालिग समेत 25 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वर्तमान में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। इसके तहत अंसार समेत पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के कड़े प्रावधान किए गए हैं।