सर्वश्रेष्ठ कानून का शासन , पर कैसे संभव होगा ?
सत्यनिष्ठ हों जब सरकारें , तब ये संभव होगा ।
पर सत्यनिष्ठ कैसे हों नेता ? भला ये कैसे होगा ?
सत्यनिष्ठ केवल वो होगा , धर्मनिष्ठ जो होगा ।
राजनीति में धर्म नहीं है , यहां तो धर्मनिरपेक्ष हैं ;
इसी से सारे भ्रष्ट भरे हैं , अंतर बस सापेक्ष है ।
धर्मनिरपेक्ष रहेगा भारत , भ्रष्टाचार रहेगा ;
कानून का शासन हो न सकेगा , गुंडा शासन होगा ।
शासन गुंडों की रखैल हो, तुष्टीकरण बढ़ेगा ;
अल्पसंख्यकवाद बढ़ेगा हरदम , बस मंदिर टूटेगा ।
इस सिस्टम से पीड़ित हिन्दू , चारों ओर निहारे ;
कहीं न दिखता ऐसा नेता , हिंदू को जो उबारे ।
सारे हिंदू – नेता धिम्मी , डीएनए सदा मिलाते ;
सबका साथ यही कहते हैं , फर्जी मन की बातें ।
पर सभी बात की सीमा होती , इसकी भी सीमा है ;
राष्ट्रद्रोह की सीमा टूटी , हिंदू – दल जन्मा है ।
“एकजुट-जम्मू”उदय हुआ है,इसकी सरकार बनाओ ;
“एकजुटजम्मू”” एकजुटहिंदू” “एकजुटभारत” लाओ ।
अभी तो सीमित है जम्मू में , भारत में फैलाओ ;
इसका हर प्रत्याशी जीते , हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , धर्मनिष्ठ सब होंगे ;
धर्मनिष्ठ जब सारे होंगे , सत्यनिष्ठ भी होंगे ।
सत्यनिष्ठ सरकारें होंगी , कानून का शासन होगा ;
न्याय का सूरज ही चमकेगा , दूर अंधेरा होगा ।
तुष्टीकरण कहीं न होगा , आरक्षण मिट जायेगा ;
राज्य करे सबका संरक्षण , जातिवाद पिट जायेगा ।
सारे एक बराबर होंगे , अल्पसंख्यकवाद हटेगा ;
झूठे इतिहास का काला धब्बा, अब इतिहास बनेगा ।
जितने भी हैं राष्ट्र के द्रोही , मृत्युदंड पायेंगे ;
भ्रष्टाचार भी राष्ट्रद्रोह है , वही दंड पायेगे ।
भ्रष्टाचार मिटेगा सारा , सदाचार आयेगा ;
धर्म – मार्ग पर चलेंगे सारे , राम – राज्य आयेगा ।
“वंदे मातरम – जय हिन्द”
रचयिता : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”