आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारतीय जनता पार्टी का खेल बिगड़ने के लिए भांति-भांति की साजिश रचने का भांडा फूटने लगा है। ब्राह्मणों को भाजपा से अलग करने की साजिश के तहत नोटा अभियान चलाने की साजिश का भांडा फूट गया है। यह मामला तब सामने आया जब 10 हजार सिम कार्ड खरीदने वाले जावेद को एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने रांची से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार जावेद ने ही पूछताछ के दौरान बताया है कि वह इतना सिम कार्ड इसलिए खरीदा है ताकि ब्राह्मणों के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर नोटा कैंपेन चला सके।
10000 सिम कार्ड के द्वारा,,
ब्राह्मणों के नाम पर नकली फेसबुक आईडी बनाकर नोटा का प्रचार करने वाला जावेद रांची से गिरफ्तार, किया गया है,,
कांग्रेस डाल-डाल,, मोदी पात-पात,,
— Anshu Rastogi (@widepoint_www) October 27, 2018
मुख्य बिंदु
* एटीएस ने 10 हजार सिम कार्ड खरीदने वाले जावेद को रांची से गिरफ्तार कर भांडा फोड़ा
* आने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी और भाजपा का खेल बिगाड़ने के लिए जातिगत साजिश की तैयारी
सिम कार्ड रैकेट का खुलासा तब हुआ जब एटीएस ने कांटा टोली के हसीबा एंक्लेव के एक फ्लैट और कांके के एक घर में छापेमारी की। इस छापेमारी में 7000 सिम कार्ड के साथ सिम बॉक्स भी बरामद हुए हैं। ये सारे सिम कर्ड पटना की एक कंपनी से दुबई निवासी जावेद अहमद ने खरीदे थे। इस ट्रांजेक्शन में कंपनी के अब्दुल जमीद नाम का शख्स भी शामिल था।
इस मामले को इसलिए गंभीर माना जाता है क्योंकि सिम कार्ड खरीदने वालों का तार दुबई से जुड़ा है। इससे साफ है कि आने वाले लोकसभा चुनाव पर विदेशी गैंग की भी नजर है। सीआईडी, एडीजी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि यहा मामला गंभीर है इसलिए इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी जांच के बारे में मीडिया में चर्चा नहीं की जा सकती है क्योंकि हो सकता है कि सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए या फिर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दने के लिए ये सब किया गया हो।
URL: To separate Brahmins from BJP Muslims are to run NOTA campaign
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