तेरा आज तो बीत रहा है , अब तो राष्ट्र के कल की सोचो;
राष्ट्र का सबसे बड़ा जो दुश्मन,आतंकवाद को जड़ से नोचो
आतंकवाद के जनक मदरसे , उनको फौरन बंद कराओ ;
सरकारी हर मदद को रोको , सारी मान्यता बंद कराओ।
अभी तो तू उल्टा ही करता , राष्ट्र – विरोधी निर्णय लेता ;
सबसे जरूरी शांति व्यवस्था ,सख्त फैसले क्यों नहीं लेता ?
शाहीन बाग को रोक न पाया , रोड -जाम हरदम करवाता ;
पता नहीं क्या कमी है तुझमें?ठीक से कुछभी कर न पाता।
कमल सड़ चुका है कीचड़ में , तेरी ही है कारस्तानी ;
राष्ट्र -विरोधी कदम उठाता , जैसे न हो हिंदुस्तानी ।
पिद्दी जैसा देश पाक है , पर तुझ पर पड़ता है भारी ;
इजरायल से भी कुछ सीखो , काहे अक्ल तुम्हारी मारी ।
बड़े – बड़े हथियार खरीदे , क्या उनका अचार डालोगे ?
आतंकवाद से घुटने टेके , नहीं तो उसको कब मारोगे ?
देश की सेना बड़ी बहादुर , खुली छूट उसको अब दे दो ;
हजार घाव दे रहा पाक है , उसको मृत्युदंड तुम दे दो ।
जो भी होगा हो जाने दो, सिसक सिसक कर भी क्या जीना
खून खराबा होना ही है , फिर क्यों खून के घूंट को पीना ?
बहुत बढ़ चुकी है आबादी , मौतों से अब मत घबराना ;
निर्माण ध्वंस के बाद ही होता,युद्ध से बिलकुल मत घबराना
खून – खराबा होता है तो , एक बार हो ही जाने दो ;
एटम- बम की चिंता छोड़ो , चलता है तो चल जाने दो ।
ये मत सोचो कल क्या होगा ? जो भी होगा अच्छा होगा ;
शूरवीर अमरत्व को पाता , कायर को तो मरना होगा ।
कायर कुत्ते की मौत ही मरता , शूरवीर मर कर भी जीता ;
राष्ट्र का हित सर्वोच्च हो हरदम,क्यों धिम्मी सा जीवन जीता
सबसे गलीज है धिम्मी जीवन ,इससे बदतर कोई न जीवन;
वामी,कामी,सेक्युलर,नपुंसक , ये भी है धिम्मी का जीवन ।
आये दिन मंदिर जाता है , माथे भरमें तिलक लगाता ;
पर सच्चे धर्म को भुला दिया है , आये दिन हिंदू मरवाता ।
आने वाला चुनाव का मौसम , उसमें तेरा निर्णय होगा ;
अभीतोतेरा विकल्प नहींथा,परअब सशक्तविकल्प भी होगा
“एकजुट जम्मू” उदय हो चुका,”एकजुट भारत” बन जायेगा
वो दिन दूर नहीं है जिस दिन , हिंदू – राष्ट्र बन जायेगा ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता: ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”