वरिष्ठ पत्रकार तथा यूपीए सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की लिखी किताब पर आधारित तथा प्रसिद्ध कलाकार अनुपम खेर अभिनीत फिल्म ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म का देश के राजनीतिक जनमानस पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन इसका ट्रेलर काफी प्रभावी जान पड़ता है। बहुत कम ऐसी फिल्म होती है जिसके ट्रेलर से पूरी कहानी का अंदाजा चल जाता हो।
‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ फिल्म का ट्रेलर ऐसा प्रभावी है कि पूरी स्टोरी बयां कर जाती है। राजनीति में थोड़ी भी रूचि रखने वाला सोनिया गांधी के हाथ में वास्तविक सत्ता होने से लेकर कश्मीर मुद्दे पर चुप्पी, राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नहीं बनने की वजह तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेचारगी तक सब समझ जाएंगे। इस ट्रेलर के अंत में आप यह भी समझ जाएंगे कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद छोड़ना चाहते थे तो सोनिया गांधी ने क्या कहकर उन्हें ऐसा करने से न केवल रोका था बल्कि उनका मुंह भी बंद कर दिया था। और वे एक बेचारे की तरह प्रधानमंत्री बने रहने को मजबूर हुए। इस ट्रेलल को देखने के बाद पढ़िए भी…
Ladies and Gentlemen!! Presenting the trailer of our highly anticipated film #TheAccidentalPrimeMinister. 🙏👇
The Accidental Prime Minister | Official Trailer | Releasing January 11 … https://t.co/TUu4AsTgHM
— Anupam Kher (@AnupamPKher) December 27, 2018
ट्रेलर की शुरुआत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इंट्री से होती है जहां संजय बारू की भूमिका निभा रहे अक्षय खन्ना कहते हैं
संजय बारू : मुझे तो डॉक्टर साबब भीष्म जैसे लगते हैं जिनमें कोई बुराई नहीं है, पर फैमिली ड्रामा के विक्टिम हो गए। महाभारत में तो दो फैमिली थी, इंडिया में तो एक ही है।
ट्रेलर आगे बढ़ता है प्रियंका गांधी और राहुल गांधी द्वारा अपनी मां का महिमामंडन के बाद 2004 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री चयन की बात आती है, जहां सोनिया गांधी दंभ दिखाते हुए कहती हैं।
सोनिाय गांधी : प्रधानमंत्री पद के लिए मैंने डॉ मनमोहन सिंह को चुना है।
इसके बाद डॉ सिंह भारतीय संविधान के तहत पद और गोपनीयता की शपथ लेते है। यहा से फैमिली ड्रामा शुरू होता है
संजय बारू : सौ करोड़ की आवादी वाले देश को ये गिन चुने लोग चलाते हैं, ये देश की कहानी लिखते हैं और मैं उनकी कहानी लिखता हूं ।
फिल्म के इस ट्रेलर में यूपीए शासन में अहमद पटेल के हस्तक्षेप को भी दिखाया गया है, जो संजय बारू और पटेल के संवाद से स्पष्ट होता है।
संजय बारू : पीएम के लिए काम करता हूं पार्टी के लिए नहीं।
अहमद पटेल : लेकिन पीएम तो पार्टी के लिए काम करते हैं बारू..
मनमोहन सिंह : प्राइम मिनिस्टर को क्या करना है ये एनएसी तय करेगी ?
यहां यह बताना लाजिमी है कि सोनिया गांधी को ताकतवर बनाने के लिए ही राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी)जैसी संविधानेत्तर संस्था गठित कर सोनिया गांधी को उसका चेयरमैन बनाया गया था। एनएसी में शामिल सदस्यों को ही सोनिया गांधी का किचन कैबिनेट माना जाता था।
मनमोहन सिंह : इनको समझ में आया न कि पीएमओ मिंस बिजनेस
संजय बारू : नो नो सर डॉ सिंह मिंस बिजनेस…
फिर
मनमोहन सिंह : देश के विकास के लिए हमको न्यूक्लियर एनर्जी चाहिए…
सोनिया गांधी : यह पार्टी को एक्सेप्टेबल नहीं है..
संजय बारू… न्यूक्लियर डील की लड़ाई हमारे लिए तो पानीपत की लड़ाई से भी बड़ी हो गई थी…
पत्रकार : सरकार देश की न्यूक्लिय आजादी का सौदा कर रही है..
मनमोहन सिंह : मैं देश को बेचूंगा?????
फिल्म का ट्रेलर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल की तरह आगे बढ़ता है और एक समय संजय बारू की मौजूदगी में मनमोहन सिंह सोनिया गांधी से आदेश लेने की मुद्रा में पूछते हैं…
मनमोहन सिंह : मैं कश्मीर का हल ढूंढना चाहता हूं
सोनिया गांधी : अगर आप पाकिस्तान के साथ शांति का समझौता करेंगे तो फिर नए प्राइम मिनिस्टर क्या करेंगे?
संजय बारू : पूरी दिल्ली के दरबार में एक ही तो खबर थी कि डॉक्टर साहब को कुर्सी से कब हटाएंगे और कब पार्टी राहुल जी का अभिषेक करेगी। अब लड़ाई पीएम वर्सेज पार्टी बन गई थी।
सोनिया गांधी : चुनाव अभियान राहुल लीड करेगा…
संजय बारू : सर यही मौका है आपको अपनी अथॉरिटी दिखाने का ये जीत आपकी जीत है, पीएमओ आपका टर्फ है
मनमोहन सिंह की पत्नी : और कितना बदनाम करेगी पार्टी, आप कुछ बोलते क्यों नहीं?
मनमोहन सिंह : मुझे कोई क्रेडिट नहीं चाहिए मुझे अपने काम से मतलब है.. क्योंकि मेरे लिए देश पहले आता है..
और अंत में बेचारे बने मनमोहन सिंह सोनिया गांधी के पास इस्तीफा देने का फरियाद लेकर आते हैं
मनमोहन सिंह : मैं रिजाइन करना चाहता हूं…
सोनिया गांधी : एक के बाद दूसरा करप्शन स्कैम इस माहौल में राहुल कैसे टेक ओवर कर सकता है..
और फिर बेचारे की तरह ही बेचारे बने मनमोहन सिंह पर एक बार फिर बेचारे बने रहने की बेचारगी साफ दिखी, क्योंकि सोनिया गांधी को उनसे ज्यादा बेचारा प्रधानमंत्री कौन मिलता, शायद राहुल भी नहीं… क्योंकि राहुल का भविष्य तो सुरक्षित करना था!
दूसरी तरफ जनसत्ता ऑन लाइल के मुताबिक कांग्रेस ने साफ तौर पर धमकी दी है कि यूथ कांग्रेस इस फिल्म को देश में कहीं भी चलने नहीं देगी।
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