
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सार्थक प्रयासों को अपने कुतर्कों से बदनाम करते रहे सीपीआई के महासचिव पी सी जोशी !
आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती है। पुस्तक ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ में नेताजी पर एक लंबा खंड है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) नेताजी से नफरत करती थी और उनके खिलाफ घृणा का प्रचार करती थी। नेताजी को गदहा बनाकर उस पर जापानी शासक तोजो को बैठाया गया है तो एक में उन्हें चूहा बनाकर हिटलर के प्रचार मंत्री गोयबल्स के हाथ में उन्हें खेलने वाला दर्शाया गया है। इस पत्रिका के संपादक CPI के तत्कालीन महासचिव पी.जी.जोशी थे, जोशी अंग्रेजों के जासूस थे। ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ में इसके साक्ष्य में पर्याप्त दस्तावेज भी लगाए गये हैं! नेताजी का नेहरू-महात्मा गांधी और कम्युनिस्टों के साथ के पूरे विवाद का वर्णन पुस्तक में मौजूद है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अपने हर विरोधी को फासिस्ट और हिटलर कहने वाले कम्युनिस्टों का यही महासचिव पी.सी जोशी लेख लिखकर हिटलर का गुणगान कर रहा था, क्योंकि हिटलर और कम्युनिस्टों के पिता स्टालिन ने आपसी समझौता कर विश्व युद्ध छेड़ा था। रूसी तानाशाह स्टालिन और हिटलर ने एक साथ पोलैंड पर हमला किया था। स्टालिन व हिटलर दुनियां को आपस में बांट कर राज करना चाहते थे। विश्व युद्ध की शुरुआत स्टालिन के कारण हुई, इसे कम्युनिस्ट व पश्चिमी इतिहासकारों ने पूरी दुनिया से छुपाया है! कम्युनिस्ट इतिहासकार अपने ‘फादरलैंड’ को पाक साफ दिखाना चाहते थे और चूंकि बाद में जर्मनी से धोखा खाकर रूस पश्चिमी देशों के पाले में आ गया, इसलिए पश्चिमी इतिहासकारों ने इस पर पर्दा डाल दिया।
आज संघ से लेकर पीएम मोदी और अपने हर विरोधी को फासिस्ट व हिटलर कहने वाले कम्युनिस्ट, सोवियत-जर्मन के बीच द्वितीय विश्व युद्ध शुरू करने के लिए किए गये समझौते को छुपाते हैं। किसी टेक्टबुक में इसे नहीं पढ़ाया जाता कि स्टालिन ने यहूदियों के नरसंहार में हिटलर को मदद पहुंचाई थी। बाद में हिटलर ने स्टालिन को धोखा दे दिया, इसलिए कम्युनिस्ट उससे आज तक चिढ़े हुए हैं! फासिवाद और तानाशाही की तो केवल आड़ ली जाती है!
इस पूरे समझौते और विश्व युद्ध के एक एक पहलू का बारीकी से विश्लेषण किया है! और हां, इसी हिटलर प्रेमी और अंग्रेजों के जासूस CPI के तब के महासचिव पी सी जोशी के नाम पर आज के जेएनयू में बकायदा एक विभाग बना हुआ है, इसका भी तस्वीरों के साथ खुलासा पुस्तक में किया गया है! सोचिए, तभी तो जेएनयू में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगाने की मानसिकता विकसित हुई है।
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 8826291284