विपुल रेगे। राधे : द मोस्ट वांटेड भाई बॉक्स ऑफिस पर सफल होगी या नहीं, इस बात की आशंका केवल सलमान ख़ान को ही नहीं, बल्कि इसे प्रदर्शित करने जा रहे ज़ी स्टूडियो को भी हो गई है। ये फिल्म ईद के अवसर पर प्रदर्शित की जा रही है। पिछले दिनों फिल्म के प्रोमो रिलीज हुए थे और जिस तरह की प्रतिक्रियाएं इसे मिली है, उसके बाद ज़ी प्लेक्स भी फिल्म की बॉक्स ऑफिस सफलता को लेकर आशंकित है। ज़ी समूह इतना चिंतित है कि उसने फिल्म की ऑनलाइन टिकट लेने वाले को बोनस में फ़िल्में और ओटीटी शो दिखाने के लिए ‘राधे कॉम्बो ऑफर’ दिया है।
ज़ी प्लेक्स ने राधे देखने के लिए 249 रूपये की दर तय की है और ये फिल्म 250 करोड़ में खरीदी गई है। उनका ये विचार है कि सलमान की शक्तिशाली फैन फॉलोइंग का लाभ मिलेगा और ये पैसा वसूल हो जाएगा। ओटीटी के मापदंडों के अनुसार ये फिल्म बहुत महंगी खरीदी गई है और इसे एक बार देखने की टिकट दर भी बहुत महंगी है।
यदि आप डिज़्नी+हॉटस्टार एक वर्ष के लिए लेते हैं तो उसके आपको 400 रुपये चुकाने होंगे और इधर ज़ी प्लेक्स एक ही फिल्म के 250 रुपये वसूल रहा था। ये खबर बहुत चर्चित हुई थी कि ज़ी प्लेक्स ने राधे को इतनी भारी कीमत पर खरीद लिया है। बाद में फिल्म का पहला प्रोमो रिलीज हुआ तो ज़ी वालों को अपनी गलती समझ आई। प्रोमो के बाद फिल्म का पहला प्रमोशनल गीत प्रदर्शित हुआ।
इस गीत पर आई दर्शकों की प्रतिक्रियाओं ने ज़ी समूह को और आशंकित कर दिया। फिल्म की सफलता को लेकर कोई सकारात्मक तस्वीर बन नहीं पा रही है। ये तय करना मुश्किल है कि यहाँ सलमान खान का बहिष्कार चल रहा है या फिल्म ही लोगों को पसंद नहीं आ रही है। प्रोमो किसी भी फिल्म की सच्ची तस्वीर पेश कर देते हैं।
राधे की तस्वीर ये है कि इसमें कंटेंट की भारी कमी है। निर्देशक की कल्पनाशीलता इतनी भी नहीं है कि एक चुराए हुए गीत का फिल्मांकन भी ठीक से कर सके। लिहाजा ज़ी वालों को ये समझ आ गया कि सिर्फ सलमान के नाम से ओटीटी पर ढाई सौ रुपये में फिल्म बेचना आसान नहीं होगा। इसलिए उन्होंने नया पैंतरा अपनाया है।
अब वे फिल्म बेचने के लिए एक कॉम्बो ऑफर लेकर आए हैं। 499 रुपये के इस कॉम्बो में राधे के अलावा ज़ी प्लेक्स दर्शक को और भी कई फ़िल्में डाउनलोड करने की सुविधा देगा। साथ ही अपने कई सीरियल भी दर्शक को दिखाएगा। निश्चित ही राधे को 250 करोड़ में खरीदकर ज़ी समूह ने सफ़ेद हाथी पाल लिया है।
इसकी निगेटिव पब्लिसिटी को देखकर सलमान की फिल्म कॉम्बो ऑफर में बेचने की विवशता बन गई है। एक सुपर सितारे का सिंहासन दरकते देखना इतिहास की पुनरावृत्ति देखने के समान है। इससे पहले राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर के सिंहासन दर्शकों ने ऐसे ही दरकते देखे हैं।
55 वर्षीय सलमान खान परदे पर युवा दिखने के लिए वीएफएक्स युक्त ग्राफिक्स का सहारा लेते हैं। वे अपना असली चेहरा फिल्म में कहीं दिखाते ही नहीं। यहाँ तक कि एक्शन दृश्यों में भी उनके चेहरे की आभासी ताज़गी और हेयर स्टाइल जस की तस बनी रहती है। जब ऐसा होने लगता है तो समझ लेना चाहिए कि सिंहासन से उतरने का समय आ चुका है।