अर्चना कुमारी मुस्लिम समुदाय के दो प्रमुख संगठनों ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके उस बयान पर खेद जताने की मांग की जिसमें कहा गया था कि उन्हें बाबरी मस्जिद विध्वंस पर गर्व है।
मुस्लिम वोटर्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एमवीसीआई) और ऑल इंडिया उलेमा मशाईख फेडरेशन (एआईयूएमएफ) ने संवाददाता सम्मेलन में यह मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि माफी नहीं मांगने का मतलब वोट नहीं मिलना है।
एमवीसीआई के अध्यक्ष अब्दुल बारी खान ने कहा , ‘‘हम इस बात से भी नाराज हैं कि विपक्ष के इंडिया समूह ने मुसलमानों को एक भी लोकसभा टिकट नहीं दिया।’’
एआईयूएमएफ के प्रवक्ता आसिफ अजीज सरदार ने कहा कि मुस्लिम समुदाय सांप्रदायिक पार्टियों का विरोध करता है। उन्होंने कहा , ‘‘हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी मुस्लिम समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता लिखित रूप में दे।’’
उन्होंने यह भी मांग की कि शिवसेना (यूबीटी) को यह लिखित में देना चाहिए कि वे संसद या महाराष्ट्र विधानमंडल के अंदर या बाहर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आइए , हम उन उम्मीदवारों/पार्टियों के साथ एक नया अध्याय शुरू करें जो मुसलमानों के खिलाफ बयानबाजी और हिंसा के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं अन्यथा माफी नहीं तो वोट नहीं।’’