संदीप देव । दिल्ली दंगे में आरोपी सफूरा जरगर को जमानत दिलाने में जब मैंने अप्रत्यक्ष रूप से भारत सरकार का हाथ बताया था तो मास्टरस्ट्रोकवादियों ने मुझ पर हमला किया था। मेरे इस आरोप का आधार भारत के सोलिसिटर जनरल द्वारा सफूरा के जमानत का विरोध न करना था।
आज उमर खालिद और खालिद सैफी को भी दंगे के एक केस में आरोप मुक्त करवा दिया गया है। धीरे-धीरे अन्य केस में भी वह इसी तरह आरोप मुक्त कर दिया जाएगा!
गृहमंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस ने उमर और खालिद के विरुद्ध यह केस इतना कमजोर बनाया था और साक्ष्य इतने कम पेश किए थे कि उसे आरोप मुक्त होना ही था!
दिल्ली दंगे में 21 जनवरी 2022 को पहली सजा एक हिंदू युवक दिनेश यादव को मिली, जबकि सबसे नृशंस तरीके से मारे गए दिलबर नेगी के हत्यारों- ताहिर, शाहरुख, फैजल, शोएब सहित 6 को जमानत मिल गई।
धर्म छोड़ कर व्यक्ति, पार्टी व संस्थावाद में अंधे हिंदू समाज के साथ यही होना चाहिए! यही वह डिजर्व भी करता है!
दंगे में भी हिंदू मरे, दंगे के बाद सजा भी हिंदुओं को मिले; गांधी की खींची इस लकीर पर ही आज का सत्ता प्रतिष्ठान भी बड़ी बेशर्मी से चल रहा है, क्योंकि उसे पता है कि ‘रात-दिन चुनावी चाकल्लस फंसा समाज ‘ स्वतंत्र सोच कहां रख पाएगा?