अर्चना कुमारी। पिछले साल राजधानी में भीषण दंगा हुआ था। इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे जबकि 700 से अधिक लोग जख्मी हुए थे। दिल्ली दंगों को लेकर पकड़े गए आरोपी जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद व खालिद सैफी को हथकड़ी में पेश करने की दिल्ली पुलिस की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। संबंधित अदालत ने कहा है कि आरोपी गैंगस्टर नहीं हैं। इस वजह से पेशी के दौरान उनसे किसी तरह का खतरा नहीं है। ऐसे में उन्हें हथकड़ी लगाने की जरुरत क्या है।
मामले की सुनवाई करने वाली कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के समक्ष दिल्ली पुलिस की तरफ से इस बारे में याचिका दायर की गई थी। दिल्ली पुलिस का कहना था कि इन दोनों आरोपियों को हथकड़ी लगाकर पेश करने की अनुमति दी जाए। दिल्ली पुलिस का कहना था कि दोनों उच्च जोखिम वाले हाई रिस्क कैदी हैं और इनसे समाज को खतरा हो सकता है।
लेकिन अदालत ने पुलिस की दलील को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका तकनीकी आधार पर उचित नहीं है। सुनवाई करते हुए अदालत ने स्पष्ट कहा कि ये दोनों कैदी ना तो पूर्व में किसी आपराधिक मामले में आरोपी हैं और ना गैंगस्टर रहे हैं। अदालत ने यह भी कहा कि वैसे भी यह याचिका इस स्तर पर कोई मायने नहीं रखती। क्योंकि फिलहाल कोविड-19 की वजह से अदालतों में किसी भी मामले के आरोपियों की प्रत्यक्ष पेशी नहीं हो रही है।
इसके विपरीत सभी तरह के मामलों को लेकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरोपियों को पेश किया जा रहा है। ऐसे मे इस तरह की याचिका को पेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है।अदालत ने यह भी कहा कि हाल-फिलहाल में अदालतों में पूर्व की तरह सुनवाई शुरु होने की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है। इसलिए अदालत तमाम तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका को नामंजूर करती है।
गौरतलब है कि पिछले साल नागरिक कानून विधेयक के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के साम्प्द्रायिक दंगों के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद व खालिद सैफी पर आप के पूर्व पार्षद के साथ मिलकर शाहीन बाग में दिल्ली में दंगों की साजिश रचने का आरोप है और इस आरोपों के चलते इन दोनों के अलावा कई अन्य आरोपी पकड़े गए थे।
जिनमें आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, कांग्रेस के पूर्व पार्षद इशरत जहां आदि शामिल है। पुलिस की ओर से तर्क दिया गया कि हाल ही में एक अंडर ट्रायल कैदी को कुछ लोगों ने छुड़ाने का प्रयास किया था, इसलिए पुलिस ने अदालत में इस तरह की याचिका दायर की । हालांकि, अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया।