अर्चना कुमारी । दिल्ली हिंसा के लिए मुख्य जिम्मेदार माने जाने वाले उमर खालिद को बहन की शादी के लिए जमानत चाहिए। गौरतलब है कि UAPA के तहत आरोपों का सामना कर रहा है खालिद और अब अंतरिम जमानत पर कोर्ट 12 दिसंबर को करेगी फैसला जबकि इससे पहले एक मामले में खालिद को आरोपमुक्त कर चुकी कोर्ट।
ज्ञात हो कि दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद की अंतरिम जमानत का फैसला कड़कड़डूमा कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया और बताया जाता है कि यूएपीए से जुड़े इस मामले का फैसला कोर्ट 12 दिसंबर को सुनाएगी।
अदालत के सामने पेश आरोपी उमर खालिद ने बहन की शादी में शामिल होने के लिए दो हफ्ते के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत मांगी है। सनद रहे कि उमर खालिद और इसके सहयोगी रहे खालिद सैफी को कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली दंगों के एक मामले में पहले ही आरोपमुक्त कर चुकी है। बताया जाता है कि दोनों को फरवरी 2020 में दिल्ली के चांदबाग इलाके में हुई पत्थरबाजी के इस मामले में जमानत मिल चुकी थी, लेकिन दूसरे मामले में ये जेल में बंद हैं।
इस बारे में एक पुलिस कांस्टेबल के बयान के आधार पर इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस में तैनात कांस्टेबल ने कहा था कि 24 फरवरी 2020 में चांद बाग पुलिया के पास जमा एक बड़ी भीड़ ने पत्थरबाजी की थी जबकि इस मामले को लेकर खालिद सैफी और उमर खालिद का नाम भी जोड़ा गया था हालांकि कोर्ट ने पाया कि इन दोनों के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है, जिसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें इस केस में आरोप मुक्त कर दिया।
बताया जाता है कि उमर खालिद की तरह खालिद सैफी भी जेल से बाहर आने को बेचैन है और उसके वकील वकील रेबेका जॉन ने कहा कि दिल्ली पुलिस साजिश की थ्योरी का इस्तेमाल कर रही है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जमानत याचिका पर 8 दिसंबर को भी सुनवाई करने का आदेश दिया।