दिल्ली दंगा को लेकर जेल में बंद उमर खालिद अभी बाहर नहीं निकल पाएगा । दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस बारे में फैसला एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने सुनाया जबकि ज्ञात हो कोर्ट ने 3 मार्च को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उमर खालिद की जमानत याचिका पर उसकी ओर से त्रिदिप पायस ने कहा था कि अभियोजन के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उमर खालिद ने शरजील इमाम का परिचय योगेन्द्र यादव से कराया था । आरोप पत्र किसी आधार के नहीं दाखिल की जा सकती है जबकि इस मामले में पूरक चार्जशीट में आरोप बिना तथ्यों के लगाए गए हैं।
तर्क दिया गया कि चार्जशीट में कहा गया है कि उमर खालिद बैठक में मौजूद था जबकि इस तरह के बैठक में मौजूद होने में कोई अपराध नहीं है । इसी मीटिंग में शामिल कई दूसरे लोग आरोपी नहीं बनाए गए हैं। यह भी दलील दी गई कि उमर खालिद के खिलाफ हिंसा करने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं लेकिन इसके विरोध में दिल्ली पुलिस का कहना था कि ये जरूर देखा जाना चाहिए कि क्या आरोपी के कानून से भागने की आशंका है कि नहीं ।
इसके अलावा कोर्ट को ये भी देखना चाहिए कि क्या आरोपी को रिहा करने से साक्ष्यों और गवाहों के प्रभावित होने की आशंका है और इस तरह की सुनवाई के बाद उमर खालिद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। दूसरी ओर दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम के भड़काऊ भाषण के मामले में दायर जमानत याचिका का पुलिस ने विरोध करते हुए कहा है कि उसके खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं और ट्रायल कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए ही आरोप तय करने के आदेश दिये हैं। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।