अर्चना कुमारी। उमेश पाल का दोस्त विश्वासघाती निकला। बताया जाता है कि कभी साथ चलाता था ऑटो लेकिन अक्सर पड़ोस में रहकर रखता था नजर और अतीक अहमद के लिए मुखबरी किया करता था पड़ोसी मोहम्मद सजर। पुलिस सूत्रों का कहना है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या के मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं।
पुलिस ने मंगलवार को अतीक अहमद गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था लेकिन उसकी पत्नी और तक फरार बताई जाती है। इन लोगों से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उमेश पाल की हत्या की मुखबिरी उनके बचपन के दोस्त और पड़ोसी मोहम्मद सजर ने की थी। उसने प्रत्येक उसके गतिविधियों के बारे में अतीक अहमद गैंग को जानकारी दी थी।
इस तरह का खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा किया गया है। पुलिस का कहना है कि उमेश पाल हत्याकांड की जाँच कर रही पुलिस ने प्रयागराज के सूबेदारगंज से हत्या में मददगार रहे 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें जयंतीपुर सुलेमसराय निवासी मोहम्मद सजर का नाम भी शामिल है। मोहम्मद सजर ने उमेश पाल की हत्या में मुखबिरी की थी। सजर उमेश पाल का बचपन का दोस्त है।
दोनों की एक समय खूब बनती थी लेकिन बाद में रास्ते अलग-अलग हो गए थे। दो दशक पहले जब उमेश पाल ऑटो चलाते थे, तब मोहम्मद सजर भी उनकी ही तरह ऑटो ड्राइवर था। उसका मकान भी उमेश पाल के घर के पास ही है। इसके कारण उमेश और सजर का रोज मिलना-जुलना होता था। इस तरह दोनों में दोस्ती भी थी। बताया जाता है कि
विधायक रहे राजू पाल की हत्या के बाद उमेश पाल को भी अतीक अहमद से अपनी जान का खतरा था। इस कारण वह बहुत जरूरी होने पर ही कहीं आते-जाते थे। साथ ही वह अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सजग भी रहते थे, लेकिन बचपन के दोस्त और पड़ोसी की मुखबिरी के आगे उनकी सजगता पूरी तरह फेल हो गई।
पुलिस को जांच में पता चला है कि मोहम्मद सजर अक्सर पान और किराने की दुकान पर खड़ा रहता था। इस दौरान उसकी नजर उमेश पाल पर ही रहती थी। हत्या के दिन 24 फरवरी 2023 को भी सजर ने अतीक द्वारा दिए गए आईफोन के जरिए ही शूटरों को उमेश पाल की लोकेशन बताई थी। इसके बाद अतीक के गुर्गों ने उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी। गौरतलब है कि
विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी 2023 को हत्या कर दी गई थी। गोली और बम से किए गए हमले में उमेश पाल के गनर संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह की भी मौत हो गई थी। जिस समय हत्या को अंजाम दिया गया, उस समय उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर घर लौटे थे।इस मामले में पुलिस ने अब तक कई आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
वहीं, कुछ पुलिस मुठभेड़ में भी ढेर हुए हैं। कुछ फरार भी है। इस घटना का मुख्य शूटर और अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन तथा बेटे अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस ने इन पर इनाम घोषित किया है। लेकिन इसके बावजूद दोनों अब तक पकड़े नहीं जा सके।